ये सच है कि डिप्रेशन आपको दर्द देता है. लेकिन ये दर्द सिर्फ इमोशनेल पेन नहीं होता बल्कि रिसर्च की मानें तो डिप्रेशन की वजह से व्यक्ति को शारीरिक तौर पर काफी दर्द का सामना करना पड़ सकता है. अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन से गुजर रहा हो तो इसका असर केवल उसकी मानसिक सेहत और भावनाओं पर ही नहीं पड़ता बल्कि शारीरिक सेहत पर भी देखने को मिलता है. इसमें शरीर के कई हिस्सों में होने वाला दर्द, वजन में होने वाला बदलाव जैसी चीजें भी शामिल हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)के आंकड़ों की मानें तो हर 6 में से 1 महिला को और हर 8 में से 1 पुरुष को डिप्रेशन की बीमारी है.
अगर आपको सुबह ठीक महसूस होता है लेकिन ऑफिस में डेस्क पर बैठते ही अगर आपकी पीठ और कमर में दर्द होने लगे तो यह आपके गलत पॉस्चर या किसी तरह की चोट के कारण भी हो सकता है लेकिन साथ ही यह स्ट्रेस या डिप्रेशन की वजह से भी हो सकता है. साल 2017 में कनेडियन यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने एक स्टडी की जिसमें उन्होंने बैक पेन और डिप्रेशन के बीच सीधा संबंध पाया. इन स्टडी में बताया गया है कि शरीर में होने वाले दर्द और इन्फ्लेमेशन का संबंध ब्रेन में मौजूद न्यूरोसर्किट्स से है.
सिरदर्द की समस्या को हम इतना कॉमन समझते हैं कि ज्यादातर लोग तो इसका इलाज भी नहीं करवाते. किसी तरह के तनाव या विवाद की वजह से भी कई बार हमें सिर में दर्द होने लगता है. लेकिन आपका सिरदर्द हर बार किसी स्ट्रेस की वजह से ही हो, ऐसा जरूरी नहीं है. यह डिप्रेशन का भी एक लक्षण हो सकता है. हालांकि इस तरह का सिरदर्द, माइग्रेन जितना गंभीर नहीं होता. अमेरिका के नैशनल हेडएक फाउंडेशन के मुताबिक इस तरह के सिरदर्द को टेंशन हेडएक कहते हैं जिसमें सिर में धमक जैसा सेंसेशन महसूस होता है खासकर आईब्रोज के आस पास. अकेले सिरदर्द डिप्रेशन का लक्षण नहीं होता बल्कि इसके साथ ही उदासी, चिड़चिड़ापन आदि भी देखने को मिलता है.
अगर किसी बात से आपको तनाव महसूस होता है और उसी वक्त पेट में तेज दर्द भी महसूस होने लगे तो यह डिप्रेशन का एक संकेत हो सकता है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि पेट से जुड़ी दिक्कतें जैसे- पेट में ऐंठन, पेट फूलना और जी मिचालना आदि खराब मानसिक सेहत के लक्षण हैं. हार्वर्ड के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो डिप्रेशन की वजह से पाचन तंत्र में इन्फ्लेमेशन होने लगता है और इसकी वजह से होने वाले पेट दर्द को लोग अक्सर इरिटेबल बाउल सिंड्रोम मान लेते हैं. डॉक्टर भी यही मानते हैं कि गट हेल्थ यानी आंत की सेहत और मानसिक सेहत के बीच कनेक्शन है.
थकान भी डिप्रेशन का एक कॉमन लक्षण है. वैसे तो कई बार बहुत अधिक काम करने या किसी तरह के स्ट्रेस की वजह से भी बहुत अधिक थकान और एग्जॉशन महसूस होने लगता है. लेकिन डिप्रेशन की वजह से भी थकान की समस्या हो सकती है. अमेरिका के मैसाचूसेट्स जनरल हॉस्पिटल में क्लिनिकल रिसर्च प्रोग्राम की डायरेक्टर डॉ मॉरिजियो फ़ावा कहती हैं, जो लोग डिप्रेशन का शिकार होते हैं उन्हें ठीक से नींद नहीं आती और इस वजह से रात भर आराम करने के बाद भी उन्हें थकान महसूस होती रहती है. थकान के साथ ही अगर किसी व्यक्ति को उदासी, निराशा आदि भी महसूस हो रहा हो तो यह डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है.
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