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नई दिल्ली: दाल, फलीदार पौधा या फलियों के परिवार से आती है (Legume Family) जो लाल, काली, हरी और भूरी कई वरायटी में पायी जाती है. हाई क्वॉलिटी प्रोटीन (Protein) और फाइबर (Fiber) से भरपूर दाल (Lentils) सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है. इसलिए दाल को रोजाना के संतुलित भोजन का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की मानें तो विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर दाल का सेवन करने से शरीर में एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) के लेवल को कम करने में मदद मिलती है जिससे हृदय रोग (Heart Disease) का खतरा कम हो जाता है.
वैसे तो दाल सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है लेकिन कई बार हेल्दी चीजों का भी अगर अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. इस बारे में हमने बात की नोएडा के डाइटरीफिट की डायटिशियन अबर्ना माथिवानन से. अबर्ना कहती हैं, 'बीन्स, दाल और मटर जैसी फलियों को स्वस्थ आहार (Healthy Diet) के महत्वपूर्ण हिस्से के तौर पर भोजन में शामिल करने का सुझाव दिया जाता है. स्वस्थ व्यक्ति को उसके वजन के मुताबिक रोजाना 1-1.2 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो के हिसाब से सेवन करने की सलाह दी जाती है. यानी अगर आपका वजन 60 किलो है तो आपको रोजाना 60 ग्राम प्रोटीन खाना चाहिए. आधा कटोरी दाल में 8-10 ग्राम प्रोटीन, 20 ग्राम कार्ब्स, 7-9 ग्राम फाइबर और 115 कैलोरीज होती हैं.'
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डायटिशियन अर्बना की मानें तो बहुत अधिक दाल का सेवन करने से ये समस्याएं हो सकती हैं:
- चूंकि दाल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है इसलिए अधिक दाल खाने से आंत से जुड़ी समस्याएं जैसे- अपच या बदहजमी (Indigestion), डिहाइड्रेशन, हद से अधिक थकान (Exhaustion), जी मिचलाना, चिड़िचड़ापन महसूस होना, सिरदर्द और डायरिया जैसी दिक्कतें हो सकती हैं.
- अगर किसी व्यक्ति को गाउट (Gout) की बीमारी हो तो आपको भी डॉक्टर से पूछे बिना दाल, बीन्स आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. इसका कारण ये है कि दाल में प्यूरीन (Purine) की मात्रा अधिक होती है और इसलिए गाउट के मरीजों को सूखी मटर, बीन्स, दाल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.
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- जिन लोगों को पेट फूलना (Bloating) और पेट में गैस की समस्या रहती हो उन्हें भी बहुत अधिक दाल, सूखी बीन्स और मटर का सेवन करने से परहेज करना चाहिए. इसका कारण ये है कि जब दाल में मौजूद नैचरल शुगर को शरीर तोड़ता है तो गैस बनने लगती है. ऐसे में जिन लोगों को अधिक गैस बनने की समस्या है उन्हें दाल का सेवन कम ही करना चाहिए.
- दाल, पालक, चाय और चॉकलेट जैसी चीजों में प्राकृतिक रूप से ऑक्सलेट (Oxalate) पाया जाता है और ऑक्सलेट का अधिक सेवन करने से किडनी में स्टोन (Kidney Stone) बनने का खतरा अधिक होता है.