कई बार हमारे तनाव का कारण सिर्फ हम या हमारी परेशानियां नहीं होती है, बल्कि हम दूसरों का तनाव लेने लगते हैं. जान लें इसके संकेत...
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तनाव एक नैचुरल मेंटल रिएक्शन है, जो विपरीत व मुश्किल परिस्थितियों के दौरान महसूस होता है. अत्यधिक तनाव लेना आपके मानसिक स्वास्थ्य के साथ शरीर के लिए भी बुरा है. आज के समय में हर किसी के जीवन में तनाव है, लेकिन कई बार हम दूसरों का तनाव भी लेने लगते हैं. जी हां, इसे सेकंड हैंड स्ट्रेस (Signs of Second Hand Stress) कहा जाता है.
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपना तनाव झेल पाना ही काफी बड़ी बात है. ऐसे में किसी दूसरे का तनाव अपने ऊपर झेलना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. कुछ संकेत ऐसे हैं, जिन्हें पहचानकर आप पता लगा सकते हैं कि कहीं दूसरों का तनाव तो आप अपने ऊपर नहीं ले रहे हैं.
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सेकंड हैंड स्ट्रेस के संकेत (Signs of Second Hand Stress)
जब आप दूसरों का तनाव अपने ऊपर लेते हैं, तो आपके अंदर ये संकेत दिख सकते हैं. जैसे-
1. तनाव का कारण ना पता होना
कई बार हम तनाव में तो होते हैं, लेकिन हमें उसका कारण समझ नहीं आता. आप बहुत सोच-विचार करते हैं, लेकिन फिर भी तनाव का कोई कारण नहीं पता कर पाते हैं. तो जनाब यह सेकंड हैंड स्ट्रेस का संकेत हो सकता है. इसका मतलब आपके तनाव का कारण आप नहीं, बल्कि किसी और की परेशानी है.
2. काम में अकारण जल्दबाजी
इस तरह का सेकंड हैंड तनाव अक्सर कामकाजी व्यक्तियों को ज्यादा होता है. जब आपके बॉस का तनाव आपके ऊपर आने लगता है. आपका बॉस खुद के तनाव के कारण आपको डांट देता है और उसके बाद आप बेवजह काम में जल्दबाजी करने लगते हैं. क्योंकि आपको लगता है कि बॉस कहीं काम को लेकर भी गुस्सा ना हो जाए. ऐसा करने से आप उसके तनाव को अपने ऊपर ले लेते हैं.
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3. किसी व्यक्ति से मिलने के बाद बेवजह निराश हो जाना
जब आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिलकर या पास जाकर बेवजह ही निराश होने लगें, जो हमेशा निराशाजनक बात करता है. तो समझ लीजिए कि उसका तनाव और नेगेटिव थॉट्स आपके अंदर भी आते जा रहे हैं और आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं. ऐसे व्यक्ति से उचित दूरी बना लेना सही रहेगा.
कैसे मैनेज करें सेकंड हैंड स्ट्रेस
जिस भी व्यक्ति के कारण आपको तनाव हो रहा है, अगर उसे समझा सकते हैं, तो यह काफी बेहतर होगा. क्योंकि, इससे आपके मानसिक स्वास्थ्य के साथ उसका मानसिक स्वास्थ्य भी सुधर पाएगा. लेकिन अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो उससे उचित दूरी बना लीजिए. वहीं, अगर ये दोनों ही चीजें कर पाना मुमकिन नहीं है, तो आपको खुद को यह समझाना चाहिए कि यह दूसरों का तनाव है, आपको इससे अपने ऊपर नहीं आने देना है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.