आपके किचन में मौजूद नॉन-स्टिक बर्तन कई बार मुसीबत का सबब बन सकते हैं. इन बर्तनों से निकलने वाले धुएं के कारण टेफ्लॉन फ्लू नामक एक बीमारी होती है, जो तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है.
Trending Photos
आपके किचन में मौजूद चमचमाता नॉन-स्टिक बर्तन खाना बनाने को आसान तो बनाता है, लेकिन वह आपको बीमार भी कर सकता है. जी हां, आपने सही सुना. टेफ्लॉन फ्लू नामक एक बीमारी तेजी से फैल रही है, जो सीधे तौर पर इन नॉन-स्टिक बर्तनों से जुड़ी है. यह बीमारी नॉन-स्टिक बर्तन से निकलने वाले धुएं के कारण होती है, जिसके कारण अमेरिका में पिछले साल 250 से ज्यादा लोगों (डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार) को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
कभी कभार आपको नॉन-स्टिक पैन में खाना बनाते समय एक अजीब सी गंध आना या फिर खाना बनाने के बाद थकान, सिरदर्द या बुखार जैसा महसूस होना इस बात का संकेत हो सकता है कि आप टेफ्लॉन फ्लू से पीड़ित हैं. इसके लगातार संपर्क में रहने से फेफड़ों, किडनी और लिवर जैसी अंगों को नुकसान पहुंच सकता है. इसके अलावा, यह कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकता है. यह बीमारी इतनी खतरनाक क्यों है और इससे कैसे बचा जा सकता है, आइए विस्तार में जानते हैं.
क्या है टेफ्लॉन फ्लू?
टेफ्लॉन फ्लू एक तरह का फ्लू जैसा बुखार है जो नॉन स्टिक बर्तनों को बहुत अधिक गर्म करने पर निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने से होता है. जब टेफ्लॉन कोटिंग वाले बर्तन को बहुत अधिक तापमान पर गर्म किया जाता है, तो उसमें से जहरीले केमिकल निकलते हैं, जो सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और फ्लू जैसे लक्षण पैदा करते हैं.
यह भी पढ़ें: शरीर देने लगे 5 संकेत तो समझ जाएं पड़ने वाला है दिल का दौरा, तुरंत डॉक्टर से करें बात
टेफ्लॉन फ्लू के लक्षण
फरीदाबाद स्थित मारेंगो एशिया हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट-इंटरनल मेडिसिन डॉ. संतोष कुमार अग्रवाल के अनुसार, टेफ्लॉन फ्लू के लक्षण में बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, थकान, मसल्स में दर्द, मतली और उल्टी शामिल हैं.
किन्हें है इस बीमारी का ज्यादा खतरा?
गर्म धातु और जलते हुए प्लास्टिक से निकलने वाले धुएं से लोगों को फ्लू जैसी बीमारियां हो सकती हैं. जो लोग काम के दौरान धातु को वेल्ड करते हैं, उनमें धातु के धुएं के बुखार का खतरा अधिक होता है, क्योंकि कुछ श्रमिकों के पास इन धुएं के प्रभावों से बचने के लिए सही सुरक्षा उपकरण नहीं होते हैं. वेल्डिंग के काम के दौरान उनका संपर्क तांबा, लोहा, एल्यूमीनियम और टिन जैसी कई तरह की धातुओं से होता है. जिन लोगों द्वारा PTFE (टेफ्लॉन) लेपित कुकवेयर को अधिक गर्म किया जाता है, उन्हें भी टेफ्लॉन फ्लू हो सकता है. इसलिए, लोगों को धुएं के सोर्स से दूर रहना चाहिए.
यह भी पढ़ें: सोकर उठते ही फोन की लत आंखों के लिए खतरनाक, डॉक्टर ने बताई सुबह की कुछ अच्छी आदतें
टेफ्लॉन फ्लू से कैसे दूर रहें?
* नॉन स्टिक बर्तनों को बहुत अधिक गर्म न करें.
* खाली बर्तन को कभी भी गर्म न करें.
* खरोंचदार या डैमेज बर्तनों का इस्तेमाल न करें.
* बर्तन को सूखी आंच पर गर्म न करें.
* खाना पकाते समय हमेशा चूल्हे के पास पंखा चलाएं.
* नॉन स्टिक बर्तनों की जगह स्टेनलेस स्टील या कास्ट आयरन के बर्तनों का इस्तेमाल करें.
* अगर आपको टेफ्लॉन फ्लू के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
टेफ्लॉन फ्लू का इलाज
टेफ्लॉन फ्लू का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है. इसमें आमतौर पर बुखार और दर्द कम करने वाली दवाएं दी जाती हैं. अगर स्थिति गंभीर है तो अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है.