Cancer Treatment: सीएआर-टी सेल थेरेपी एक महंगी तकनीक है जिसके जरिए कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज होता है, अब भारत में इसे आम लोगों की पहुंच में लाया जा रहा है.
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President launched India’s First Home-Grown Gene Therapy For Cancer: भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने बीते गुरुवार यानी 4 अप्रैल, 2024 आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) में कैंसर के लिए भारत की पहली स्वदेशी जीन थेरेपी लॉन्च की. इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि इसका शुभारंभ कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी है. "सीएआर-टी सेल थेरेपी" (CAR-T cell therapy) नामक ये ट्रीटमेंट सुलभ और किफायती होने की वजह से मानव जाति के लिए नई उम्मीदें पैदा करता है. उन्होंने विश्वास जताया कि ये अनगिनत रोगियों को नया जीवन देने में सफल होगा.
आम लोगों की पहुंच में होगा ये इलाज
राष्ट्रपति ने कहा कि सीएआर-टी सेल थेरेपी को मेडिकल साइंस में सबसे अभूतपूर्व प्रगति में से एक माना जाता है. ये विकसित देशों में कुछ समय से उपलब्ध है, लेकिन ये बेहद महंगा है और दुनिया भर के ज्यादातर पेशेंट की पहुंच से बाहर है. उन्हें ये जानकर खुशी हुई कि आज लॉन्च की जा रही थेरेपी दुनिया की सबसे किफायती सीएआर-टी सेल थेरेपी है. उन्होंने कहा कि ये 'मेक इन इंडिया' (Make in India) पहल का एक उदाहरण भी है. 'आत्मनिर्भर भारत' (Atmanirbhar Bharat) का एक चमकता उदाहरण है.
President Droupadi Murmu launched India’s first home-grown gene therapy for cancer at IIT Bombay. The President said that as CAR-T cell therapy is accessible and affordable it provides a new hope for the whole of humankind. This is a praiseworthy example of academia-industry… pic.twitter.com/uUANzOYFqy
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 4, 2024
राष्ट्रपति ने की तारीफ
राष्ट्रपति जी इस बात से खुश थीं कि भारत की पहली सीएआर-टी सेल थेरेपी उद्योग भागीदार इम्यूनोएक्ट के सहयोग से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे और टाटा मेमोरियल अस्पताल के बीच सहयोग के माध्यम से विकसित की गई है. उन्होंने कहा कि यह शिक्षा जगत और उद्योग के बीच साझेदारी का एक प्रशंसनीय उदाहरण है, जो कई और समान प्रयासों को प्रेरित करना चाहिए.
I am told this therapy will be available across the country in major cancer hospitals, providing new hope to patients and their families. Moreover, this affordable treatment can be made available to all patients across the world. That will be in tune with our vision of… pic.twitter.com/SfJDWHEAd2
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 4, 2024
आईआईटी बॉम्बे ने कायम की मिसाल
राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी बॉम्बे न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में प्रौद्योगिकी शिक्षा के एक मॉडल के रूप में मशहूर है. सीएआर-टी सेल थेरेपी के विकास में, टेक्नोलॉजी को न सिर्फ मानवता की सेवा में लगाया जा रहा है, बल्कि साझेदारी किसी अन्य क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित संस्थान के साथ-साथ उद्योग के साथ भी की गई है. ये पिछले तीन दशकों में आईआईटी बॉम्बे ने रिसर्च और डेवलपमेंट पर जोर देने से मुमकिन हुआ है. उन्होंने कहा कि आईआईटी बॉम्बे और अन्य समान संस्थानों के शिक्षकों और छात्रों के ज्ञान के आधार और कौशल के साथ, पूरे भारत को तकनीकी क्रांति से बहुत फायदे होंगे.
India’s first CAR-T cell therapy is developed through collaboration between the Indian Institute of Technology, Bombay and Tata Memorial Hospital in association with industry partner ImmunoACT. So, we have two of India’s pioneering research institutes in their respective fields,… pic.twitter.com/pTj8kEx9Mw
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 4, 2024
What is new about the therapy being launched today, as I understand it, is that it costs 90 percent less than what is available elsewhere. I am told that this is the world’s most affordable CAR-T cell therapy. Moreover, it is also an example of the ‘Make in India’ initiative; a… pic.twitter.com/c1ezkSQAuA
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 4, 2024