Actress Yami Gautam ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट करके अपनी इस बीमारी की जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि 'किशोरावस्था से झेल रही हूं ये समस्या'...
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यामी गौतम के पोस्ट के बाद इंटरनेट पर केराटोसिस पिलारिस (Keratosis Pilaris) नामक बीमारी के बारे में ढूंढा जा रहा है. भारतीय अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से बताया कि वह किशोरावस्था से ही केराटोसिस पिलारिस नामक स्किन कंडीशन से जूझ रही हैं. उन्होंने बताया कि यह एक लाइलाज बीमारी है, जिसे उन्होंने अब स्वीकार कर लिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि केराटोसिस पिलारिस नामक स्किन कंडीशन क्या है और यह क्यों होती है?
आइए इन आर्टिकल में एक्ट्रेस यामी गौतम को होने वाली स्किन कंडीशन केराटोसिस पिलारिस के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में जानते हैं.
यामी गौतम को होने वाली केराटोसिस पिलारिस बीमारी क्या है? (What is keratosis pilaris)
केराटोसिस पिलारिस एक स्किन कंडीशन है, जिसमें त्वचा के ऊपर खुरदुरे महसूस होने वाले छोटे-छोटे लाल दाने हो जाते हैं. हेल्थलाइन के मुताबिक, डेड स्किल सेल्स जब त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर देते हैं, तो त्वचा पर दाने हो जाते हैं. ये दाने लाल और भूरे दोनों रंग के हो सकते हैं, जो कि आमतौर पर हाथ के ऊपरी हिस्से, जांघ, गाल और कूल्हों पर होते हैं. बता दें कि, यह स्किन कंडीशन ना ही किसी तरह की खुजली या असहजता पैदा करती है और ना ही दूसरे व्यक्ति में फैलती है. सर्दी और गर्भावस्था में यह समस्या गंभीर हो सकती है.
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केराटोसिस पिलारिस के लक्षण (Keratosis Pilaris Symptoms)
इस स्किन कंडीशन के सबसे आम लक्षण छोटे-छोटे दाने हैं. इसके अलावा, निम्नलिखित लक्षणों का भी सामना करना पड़ सकता है. जैसे-
केराटोसिस पिलारिस के कारण
यामी गौतम जिस बीमारी से जूझ रही हैं, वह रोमछिद्रों में केराटीन नामक प्रोटीन के फंसने से होती है. केराटीन प्रोटीन उग रहे बालों के रोमछिद्र को बंद कर देता है, जिससे रोमछिद्र के बाहरी सिरे पर दाना हो जाता है. हालांकि, एक्सपर्ट्स को अभी तक केराटीन प्रोटीन के जमने का कारण साफ नहीं हो पाया है. इस समस्या का खतरा ड्राई स्किन, एक्जिमा, मोटापे, हे फीवर, महिलाएं, बच्चे व किशोरों, एटॉपिक डर्मेटाइटिस आदि स्थिति में ज्यादा हो जाता है.
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केरोटोसिस पिलारिस का इलाज
अभी तक केराटोसिस पिलारिस का कोई पुख्ता इलाज नहीं है. लेकिन देखा गया है कि यह समस्या किशोरावस्था के आसपास से शुरू होती है और 30 वर्ष की उम्र तक अपने आप ठीक होने लगती है. हालांकि, कुछ मॉश्चराइजिंग ट्रीटमेंट से खुजली, ड्राईनेस आदि लक्षणों को कम किया जाता है.
वहीं, कुछ टिप्स को फॉलो करके इस समस्या से बचाव किया जा सकता है. जैसे-
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.