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नई दिल्लीः केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को नई दिल्ली (New Delhi) में साइबर अपराध: खतरे, चुनौतियां और रेस्पोंस विषय पर आयोजित गृह मंत्रालय (Home Ministry) की परामर्शदात्री समिति की अध्यक्षता की. केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृह मन्त्रालय ने साइबर क्राइम से निपटने के लिए अनेक महत्वपूर्ण क़दम उठाए हैं. पिछले सात वर्षों में देशभर में साइबर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस चौकीस्तर तक आधारभूत ढांचा खड़ा करने का काम 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है. उन्होने कहा कि Crime and Criminal Tracking Network and Systems (सीसीटीएनएस) अब देश के सभी 16347 पुलिस थानों में लागू किया जा चुका है. 99 प्रतिशत पुलिस स्टेशनों में शत प्रतिशत FIR सीसीटीएनएस में सीधे दर्ज की जा रही है. इनमें नए स्थापित पुलिस स्टेशन भी शामिल हैं.
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अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराधों के ख़िलाफ़ एनलेटिकल टूल्स (Analytical Tools) बनाने का काम भी 40 प्रतिशत तक पूरा किया जा चुका है. उन्होंने यह भी कहा कि साइबर अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस और वक़ीलों की ट्रेनिंग का प्रयास किया जा रहा है. केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के अवयवों के तौर पर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP), पीड़ितों / शिकायतकर्ताओं को साइबर अपराध की ऑनलाइन रिपोर्ट करने की सुविधा प्रदान करता है. अभी तक 6 लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं तथा 12,776 FIRs दर्ज हुई. राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण यूनिट (NCTAU) द्वारा 142 साइबर अपराध रोकथाम की Advisories जारी की गई तथा 266 मोबाइल एप ब्लॉक किए गए. राष्ट्रीय साइबर अपराध फोरेंसिक प्रयोगशाला (NCFL) द्वारा 3800 फॉरेन्सिक सेवाएं दी गईं. उन्होने कहा कि सात संयुक्त साइबर अपराध समन्वय दल (JCCT) का गठन किया गया है जिसमें सभी राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेश शामिल हैं. राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केन्द्र (NCTC) में 8075 पुलिसकार्मिकों ने ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया तथा 1877 प्रमाण पत्र जारी किए गए.
राष्ट्रीय साइबर अनुसंधान एवं नवाचार केन्द्र (NCR&IC)के 5 R&D प्रस्ताव चयनित किए गए. राष्ट्रीय साइबर अपराध पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन इकाई (NCEMU) द्वारा 960 साइबर सुरक्षा टिप्स जारी की गईं और सोशल मीडिया पर लगातार साइबर सुरक्षा टिप्स जारी किए जा रहे हैं.
अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार इस नए ख़तरे के हर पहलू से निपटने के लिए कटिबद्ध है और जनप्रतिनिधि होने के नाते हम सबकी यह ज़िम्मेदारी है कि हम अपने अपने क्षेत्रों में साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास करें. बैठक के दौरान साइबर अपराधों की रोकथाम और जागरूकता के लिए गृह मंत्रालय की विभिन्न पहल जैसे राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल, देश में कहीं से भी 24 घंटे ऑनलाइन साइबर अपराध दर्ज़ करवाने की केंद्रीकृत व्यवस्था; राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना कर साइबर क्षमता का निर्माण करना; कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियों (LEA) का प्रशिक्षण; LEA के प्रशिक्षण के लिए मेसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (MOOC) के लिए CyTrain पोर्टल; साइबर हॉटस्पॉट/क्षेत्रों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विचार विमर्श से संयुक्त साइबर समन्वय टीमों (JCCTs) का गठन कर साइबर अपराध समन्वय तंत्र बनाना और राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध वॉलंटियर फ़्रेमवर्क तथा समन्वय व्यवस्था विभिन्न विषयों का विश्लेषण और चर्चा की गई.
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बैठक में गृह मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल Cyber Dost के माध्यम से आम जनता में साइबर जागरूकता फैलाने एवं साइबर हाइजीन प्रोमोशन, दूर संचार विभाग के सहयोग से नागरिकों को एसएमएस के माध्यम से नियमित रूप से साइबर सुरक्षा टिप्स भेजना और साइबर अपराध से व्यापक और समन्वित ढंग से निपटने के लिये स्कूलों, कॉलेजों तथा पंचायतीराज संस्थानों इत्यादि में 'साइबर जागरूकता दिवस' आयोजित करने जैसी पहलों पर भी चर्चा की गई.
चर्चा के दौरान, माननीय सदस्यों ने अनुक्रियात्मक प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ करने और उसमें और अधिक सुधार लाने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए ताकि साइबर अपराधों को रोकने के लिए साइबर हाइजिन के महत्व सहित साइबर अपराध के खतरों, चुनौतियों और रेस्पोंस से प्रभावशाली ढंग से निपटा जा सके. बैठक में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अजय कुमार मिश्रा और निशिथ प्रामाणिक और केन्द्रीय गृह सचिव सहित गृह मंत्रालय के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
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