एक दशक पहले इसी जगह धरने पर बैठी थीं ममता बनर्जी, ढहा दिया था लेफ्ट सरकार का किला
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एक दशक पहले इसी जगह धरने पर बैठी थीं ममता बनर्जी, ढहा दिया था लेफ्ट सरकार का किला

ममता बनर्जी ने यह धरना सिंगूर में टाटा मोटर्स के नैनो प्लांट को जमीन देने के विरोध में किया था.

तात्कालीन वामपंथी सरकार ने सिंगूर में टाटा मोटर्स को नैनो प्लांट लगाने की अनुमति दी थी.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी रविवार (3 फरवरी) को केंद्र सरकार के खिलाफ कोलकाता के मेट्रो चैनल पर पूरी रात धरना देंगी. आपको बता दें कि ममता बनर्जी जिस मेट्रो चैनल स्टेशन पर धरने पर बैठी हैं, यह वही जगह है जहां से उन्होंने सड़क से सत्ता तक का सफर शुरू किया था. दरअसल, करीब एक दशक पहले ममता बनर्जी ने तात्कालीन राज्य सरकार के खिलाफ इसी जगह पर धरना दिया था. बता दें कि बनर्जी ने यह धरना सिंगूर में टाटा मोटर्स के नैनो प्लांट को जमीन देने के विरोध में किया था.

सिंगूर मुद्दे पर किया था ममता ने धरना
तात्कालीन वामपंथी सरकार ने सिंगूर में टाटा मोटर्स को नैनो प्लांट लगाने की अनुमति दी थी. टाटा मोटर्स द्वारा करीब 1000 एकड़ जमीन पर नैनो कार के उत्पादन के लिए प्लांट स्थापित करना था. वहीं, ममता बनर्जी सिंगूर में टाटा के प्लांट लगाने का विरोध कर रही थीं. 2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने किसानों से जमीन लौटने का वादा किया था. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद बनर्जी ने कानून बनाकर सिंगूर की जमीन किसानों को लौटाने का फैसला किया था. 

गुजरात में लगाया था टाटा ने नैनो प्‍लांट 
बता दें कि पश्चिम बंगाल में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ लगातार हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुआ था. इसके बाद 2008 में टाटा ने अपना प्लांट सिंगूर से बाहर ले जाने का फैसला किया था. टाटा ने अपना नैनो प्‍लांट गुजरात में लगाया था.

सिंगूर में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में खामी थी- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2016 को फैसला सुनाया था कि सिंगूर में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में खामी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 12 हफ्ते के अंदर किसानों को जमीनें लौटाने का निर्देश दिया था. बता दें कि ममता बनर्जी टाटा फैक्ट्री के सामने 26 दिनों तक धरने पर बैठी थीं.

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