Aditya L-1: ‘आदित्य एल1’ मिशन सफलतापूर्वक आज शनिवार को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ पर स्थापित हो चुका है. पीएम मोदी ने दी बधाई.
Trending Photos
Aditya L-1: भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने चांद पर विजय के बाद अब सूर्य तक पहुंच बना ली है. ‘आदित्य एल1’ मिशन सफलतापूर्वक आज शनिवार को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ पर स्थापित हो चुका है. ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ वह क्षेत्र है जहां पृथ्वी और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय हो जाता है. आदित्य L-1 मिशन की सफलता पीएम मोदी ने पूरे देश और इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है.
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल कर ली है. भारत की पहली सौर वेधशाला (solar observatory) आदित्य-एल 1 अपने गंतव्य तक पहुंच गई. यह सबसे जटिल अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.
Prime Minister Narendra Modi tweets, "India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join… pic.twitter.com/kFpDfUWcjO
— ANI (@ANI) January 6, 2024
मिशन की सफलता पर क्या बोला इसरो?
मिशन की सफलता पर इसरो अधिकारियों ने कहा कि आदित्य L1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (एल 1) पहुंच गया. ‘एल1 प्वाइंट’ पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग एक प्रतिशत है. मिशन की सफलता के बाद अब ‘एल1 प्वाइंट’ के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा सकेगा. इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव का अवलोकन करने में अधिक लाभ मिलेगा.
‘लैग्रेंज प्वाइंट’ पर पहुंचा आदित्य एल1
प्रभामंडल कक्षा, एल 1 , एल 2 या एल 3 ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ में से एक के पास एक आवधिक, त्रि-आयामी कक्षा है. शनिवार शाम चार बजे के बाद आदित्य-एल1 को एल1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में पहुंचा दिया गया. इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने दो सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे प्रक्षेपण केंद्र से आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था.
क्या है मिशन का उद्देश्य?
पीएसएलवी ने 63 मिनट और 20 सेकंड की उड़ान के बाद उसने पृथ्वी की आसपास की अंडाकार कक्षा में आदित्य-एल1 को स्थापित किया था. ‘आदित्य एल1’ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर वायु का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या ‘कोरोनल मास इजेक्शन’ (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं और पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)