Aditya L 1 Mission Latest Picture: इसरो ने आदित्य एल 1 मिशन की ताजा तस्वीर साझा की है जिसमें धरती और चांद दोनों नजर आ रहे हैं. बता दें कि इसे धरती से 15 लाख किमी की दूरी पर स्थापित किया जाना है.
Trending Photos
Aditya L 1 Mission: सूरज का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल 1 अपने सफर पर है. करीब चार महीने बाद सूर्य और पृथ्वी के अक्ष पर स्थित एल 1 प्वाइंट पर इसे स्थापित किया जाएगा. अभी दूसरी छलांग में यह 282 किमी x 40 825 किमी की दूरी पर चक्कर लगा रहा है, तीसरी छलांग में इसे और ऊंचाई पर पहुंचाया जाएगा. इन सबके बीच आदित्य एल 1 ने कुछ तस्वीरें भेजी हैं जिसमें धरती और चांद (Moon Earth pictures) दोनों नजर आ रहे हैं.
आदित्य ने ली सेल्फी
आदित्य एल 1 की भेजी गई तस्वीर में धरती और चांद दोनों नजर आ रहे हैं जिसमें चांद एक छोटे से बिंदु के रूप में नजर आ रहा है. इसरो(ISRO) ने ट्वीट में लिखा है कि सूरज की सफर पर निकले आदित्य मे धरती और चांद की सेल्फी ली है. इस सेल्फी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आदित्य एल 1 मिशन धीरे धीरे अपने सफर पर आगे बढ़ रहा है. आदित्य एल 1 को धरती से करीब 15 लाख किमी दूर एल 1 प्वाइंट पर स्थापित किया जाना है. इस मिशन को बेहद महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. इसमें कुल सात पेलोड्स लगाए गए हैं जिनमें से चार सूरज की किरणों का अध्ययन करेंगे और तीन पेलोड्स के जरिए एल 1 प्वाइंट के चारों तरफ के वातावरण को समझा जाएगा.
Aditya-L1 Mission:
Onlooker!Aditya-L1,
destined for the Sun-Earth L1 point,
takes a selfie and
images of the Earth and the Moon.#AdityaL1 pic.twitter.com/54KxrfYSwy— ISRO (@isro) September 7, 2023
आदित्य मिशन का मकसद
1472 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान को इसरो के सबसे विश्वसनीय और बहुमुखी वर्कहॉर्स रॉकेट 'एक्सएल' कॉन्फ़िगरेशन में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (PSLV) द्वारा अंतरिक्ष में ले जाया गया था. आदित्य एल1 मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सूर्य की ऊपरी वायुमंडलीय परतों, विशेष रूप से क्रोमोस्फीयर और कोरोना का अध्ययन करना है. आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (L 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा (Halo Orbit) में रखा जाएगा, जो कि 1.5 मिलियन किमी दूर है. पृथ्वी सूर्य की दिशा में. चार महीने के समय में यह दूरी तय करने की उम्मीद है. आदित्य एल 1 के निर्माण में एलएंडटी, एमटार टेक्नोलॉजीज, पारस डिफेंस, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज, एचएएल, बीएचईएल और मिश्र धातु निगम ने अहम भूमिका निभाई है.