अहमद पटेल (Ahmed Patel) से जुड़ी तमाम यादें लोगों के जेहन में आ रही हैं. ऐसा ही एक याद है सन् 1985 की, जब उन्हें अमर, अकबर, एंथनी फिल्म के किरदार से जोड़कर राजनीति का 'अकबर' कहा गया.
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नई दिल्ली: वर्ष 1977 में जब कांग्रेस (Congress) को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था तब गुजरात भरूच से चुनाव जीतकर देश की राजनीति में धमाकेदारे एंट्री करने वाले अहमद पटेल (Ahmed Patel) हमेशा कांग्रेस के सबसे बड़े रणनीतिकारों में शुमार रहे. आज 71 साल की उम्र में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) से लेकर राजीव गांधी (Rajiv Gandhi), सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खास रहे अहमद पटेल का निधन हो गया. कांग्रेस को अहमद पटेल की कमी हमेशा खलेगी.
जब राजीव बने प्रधानमंत्री
इसी बीच अहमद पटेल (Ahmed Patel) से जुड़ी तमाम यादें लोगों के जेहन में आ रही हैं. ऐसा ही एक याद है सन् 1985 की, जब उन्हें अमर, अकबर, एंथनी फिल्म के किरदार से जोड़कर राजनीति का 'अकबर' कहा गया.
दरअसल सन् 1984 में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की हत्या के बाद राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने कांग्रेस (Congress) की कमान संभाली थी. 31 दिसंबर 1984 को राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद उन्होंने कैबिनेट का गठन किया. इस दौरान अहमद पटेल (Ahmed Patel), अरुण सिंह (Arun Singh) और ऑस्कर फर्नांडिस (oscar fernandes) प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव चुने गए. तीनों ने एक साथ शपथ ली. इसके बाद से ही तीनों की जोड़ी बॉलीवुड फिल्म अमर, अकबर, एंथनी की जोड़ी के नाम से जानी जाने लगी. अमर के रूप में अरुण सिंह, अकबर के रूप में अहमद पटेल और एंथनी के रूप में ऑस्कर फर्नांडिस को जाना जाता था.
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इंदिरा ने परखी काबिलियत
अहमद पटेल को कांग्रेस का अकबर भले ही 1984-1985 में कहा गया लेकिन वह कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में बहुत पहले ही शुमार हो चुके थे. आपातकाल के बाद विपक्ष की लहर में भी 77 में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद ही वो इंदिरा गांधी के काफी करीब आ गए थे. 1980 और 1984 के बीच वह कांग्रेस के पहली पंक्ति के नेताओं में आ चुके थे. राजीव गांधी जब उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार किए जा रहे थे तब अहदम पटेल को राजीव गांधी के साथ के लिए तैयार किया जा रहा था.
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गांधी परिवार के बाद नंबर दो के नेता रहे
इंदिरा गांधी के देहांत के बाद 1985 में जनवरी से सितंबर तक अहमद पटेल प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव रहे. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अहमद पटेल तीन बार लोकसभा सांसद रहे. पांच बार कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा भेजे गए. कांग्रेस में हमेशा गांधी परिवार के बाद नंबर दो के नेता रहे.