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नई दिल्ली: सीमा के आसपास चीन की (China) बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर भारत (India) ने भी एक बड़ा कदम उठाया है. भारतीय वायुसेना (IFA) ने बुधवार को पूर्वी वायु कमान (ईएसी) के तहत हासीमारा एयरबेस (Hasimara Airbase) पर राफेल (Rafale) को तैनात किया है. फाइटर जेट राफेल को 101 स्क्वाड्रन में शामिल किया गया है. पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरबेस के पास पहले मिग 27 स्क्वाड्रन था, जिसे अब सेवामुक्त कर दिया गया है. हासीमारा एयरबेस भूटान से निकटता के कारण भारतीय वायु सेना के संचालन के लिए एक रणनीतिक आधार है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि एयरफोर्स की ईस्टर्न कमांड के 101 स्क्वाड्रन में राफेल विमानों (Rafale Jets) को शामिल करने से देश की पूर्वी सीमा की पुख्ता निगरानी हो सकेगी और यहां से चीन पर भी पैनी नजर रखी जा सकेगी. इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में वायुसेना की क्षमता को मजबूत करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, हासीमारा में राफेल को शामिल करने का फैसला बेहद सावधानीपूर्वक लिया गया है. देश की पूर्वी सीमा पर एयरफोर्स की ताकत को बढ़ाने में राफेल अहम भूमिका निभाएगा.
Air Chief Marshal RKS Bhadauria, CAS formally inducted Rafale aircraft into No. 101 Sqn at AFS Hasimara in Eastern Air Command (EAC) on 28 Jul. The event included a flypast and a traditional water cannon salute. pic.twitter.com/kdENCcwyR3
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 28, 2021
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101 स्क्वाड्रन राफेल विमान से लैस होने वाली दूसरी IAF स्क्वाड्रन है. इसका गठन 1 मई 1949 को पालम में किया गया था और यह हार्वर्ड, स्पिटफायर, वैम्पायर, सुखोई-7 और मिग-21एम जैसे विमानों का संचालन कर चुकी है. इस स्क्वाड्रन ने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी हिस्सा लिया था. बता दें कि 29 जुलाई, 2020 को पांच राफेल विमानों के पहले बैच के उतरने के बाद पहला स्क्वाड्रन अंबाला में बनाया गया था. इन विमानों को 10 सितंबर को अंबाला एयर बेस पर 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था.
भारत ने लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौता किया था। राफेल 4.5 पीढ़ी का विमान है और इसमें नवीनतम हथियार, बेहतर सेंसर और पूरी तरह से एकीकृत आर्किटेक्टर है. यह एक एक बार में कम से कम चार मिशनों को अंजाम दे सकता है. राफेल विमान दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है और परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है. फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट एविएशन ने इस विमान का निर्माण किया है.