गृहमंत्री के आगमन से पहले निषेध स्वरूप कश्मीर बंद की घोषणा होती थी. हुर्रियत आदि संगठन गृहमंत्री का धिक्कार व्यक्त करते हुए बंद की घोषणा करके पाक प्रेम को प्रदर्शित करते थे. यह नाटक इस बार बंद हो चुका है.
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नई दिल्लीः शिसवेना के मुखपत्र सामना में देश के गृहमंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ की गई हैं. सामना में लिखा है गृहमंत्री शाह कश्मीर जाकर आए और श्रीनगर में बैठकर उन्होंने जम्मू-कश्मीर की परिस्थितियों पर चर्चा की. शाह के दौरे की विशेषता समझ लेनी चाहिए. सामना में लिखा है कि गत 30 वर्षों में जब-जब देश के गृहमंत्री कश्मीर पहुंचे हैं तब-तब वहां के अलगाववादियों ने उनका स्वागत 'पटाखे' फोड़कर अलग तरीके से किया.
गृहमंत्री के आगमन से पहले निषेध स्वरूप कश्मीर बंद की घोषणा होती थी. हुर्रियत आदि संगठन गृहमंत्री का धिक्कार व्यक्त करते हुए बंद की घोषणा करके पाक प्रेम को प्रदर्शित करते थे. यह नाटक इस बार बंद हो चुका है. केंद्रीय गृहमंत्री शाह कश्मीर पहुंच गए. लेकिन उनके निषेधार्थ बंद की घोषणा करने की हिम्मत अलगाववादियों ने नहीं दिखाई. ये नए गृहमंत्री का रुआब और सरकार की धाक है. इसके पहले भी जब कोई प्रधानमंत्री श्रीनगर पहुंचता तब भी बंद की घोषणा होती थी. अमित शाह के दिल्ली से कश्मीर पहुंचने के पहले ही कड़क बंदोबस्त किया गया था.
कश्मीर की जनता का मनोबल बढ़ाने वाला दृश्य
सामना में लिखा है कि यह अत्यंत आशावादी दृश्य है. इससे कश्मीर की जनता और सुरक्षाबलों को जो संदेश पहुंचा वो उनका मनोबल बढ़ाने वाला है. कश्मीर पर हिंदुस्तान सरकार की ही हुकूमत चलेगी, धिक्कार आदि व्यक्त किया तो समझ लेना मुकाबला हमसे है, यह ऐसा तमाचा है. सरदार पटेल हैदराबाद के निजाम को इसी तरह रास्ते पर लाए थे. देश की रियासतों को इसी प्रकार विलीन किया गया.
कुछ वक्त में ही 200 से ज्यादा आतंकी ढेर
कश्मीर की समस्या को भी अमित शाह सुलझाएंगे. कश्मीर में गत कुछ दिनों में 200 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए. सैनिकों ने अब आतंकवाद को नष्ट करने का निश्चय कर लिया है. सामना में आगे लिखा है कि कश्मीर मे जो कुछ भी हो रहा है वो धारा 370 के कारण हो रहा है.