कामाख्या मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया है, जो 26 जून की सुबह के बाद आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा.
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गुवाहाटी: असम के गुवाहाटी में देवी कामाख्या के वार्षिक रक्त स्राव के मौके पर अम्बुबाची मेला आरम्भ हो गया. 3 दिनों तक कामाख्या मंदिर का मुख्य द्वार बंद रहेगा. गुवाहाटी नीलाचल पर्वत वासिनी कामाख्या धाम माँ की भक्ति में सराबोर हुआ. शनिवार को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने गुवाहाटी के सोनाराम खेल मैदान में हर वर्ष की तरह अम्बुबाची मेला का शुभारम्भ किया. इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन और सांस्कृतक मंत्रालय के मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल भी मौजूद रहे.
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने इस मौके पर अपने विचार रखते हुए कहा कि अम्बुबाची मेले में देश और दुनिया से माँ कामाख्या धाम, गुवाहाटी आकर लाखों की तादाद में भक्त, माँ से आशीर्वाद प्राप्त कर देश और दुनिया में शांति और भाईचारा का सन्देश बाटें, यही कामना करता हूँ.
केंद्रीय पर्यटन और सांस्कृतिक मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा की - मोदी सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण लेने के बाद माँ कामाख्या की नगरी गुवाहाटी में अम्बुबाची मेले में शिरकत करना यादगार लम्हा है. असम की प्राकृतिक संदौर्य और अम्बुबाची मेला असम की पर्यटन की दिशा और दशा में बेहद अहम् भूमिका अदा कर सकती है.
बता दें कि प्राचीन मान्यता के अनुसार हर वर्ष गुवाहाटी नीलांचल पर्वत वासिनी देवी कामाख्या के वार्षिक रक्त श्राव के अवसर पर अम्बुबाची मेला आयोजित किया जाता है. इस वर्ष 25 लाख से अधिक भक्तों के कामाख्या धाम आने की उम्मीद है.
कामाख्या मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया है, जो 26 जून की सुबह मंदिर की साफ़ सफाई और मंदिर के दलै समाज (पुजारी संघ) के पूजा अर्चना के बाद आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा.