बाढ़ से असम में तबाही का मंजर, इंसानों के साथ बेजुबानों की जान पर आफत
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बाढ़ से असम में तबाही का मंजर, इंसानों के साथ बेजुबानों की जान पर आफत

काजीरंगा नेशनल पार्क का 80 फीसदी हिस्सा बाढ़ में डूब गया है.

फोटो साभार: PTI

दिसपुर: देश के पूर्वोत्तर का इलाका इस वक्त बाढ़ से जूझ रहा है, खासकर असम (Assam) के गांव और शहर इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. असम में बाढ़ के कारण अब तक 71 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं कई लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हुए हैं जिन्हें रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. इस बाढ़ से इंसानी जन-जीवन ही नहीं बल्कि जीव-जंतु भी प्रभावित हैं. 

असम के 27 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और 39 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. NDRF की टीमें भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. काजीरंगा नेशनल पार्क का 80 फीसदी हिस्सा बाढ़ में डूब गया है. इससे यहां संरक्षित वन्य प्रजातियों के अस्तित्व पर संकट आ गया है.

काजीरंगा पार्क के निदेशक पी शिवकुमार ने कहा, 'अब तक 66 जानवरों की मौत हो चुकी है और 170 जानवरों को बचाया गया है. बाढ़ जैसी स्थिति में जानवरों के लिए बहुत भारी संकट पैदा हो जाता है. जानवरों के लिए भी कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन असम में हालात को ठीक होने में समय लगेगा.

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असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अधिकारी ने बताया कि 27 जिलों के 39 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, ये बाढ़ पिछले साल से भी भयानक है. हम इस वक्त प्रदेश में 303 रिलीफ कैंप और 445 रिलीफ डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर चला रहे हैं. बाढ़ के कारण अब तक 71 लोगों की जान जा चुकी है.

बता दें कि असम के होजई, धेमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, सोनितपुर, उदालगुड़ी, दरांग, बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सालमाड़ा, गोलपाड़ा, कामरूप, मोरीगांव, कामरूप महानगर आदि में पानी घुस गया है.

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