संघर्ष की कहानी: पिता चलाते हैं Auto, बेटा मुश्किलों को मात देकर बना IAF Flying Officer; बढ़ाया परिवार का मान
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संघर्ष की कहानी: पिता चलाते हैं Auto, बेटा मुश्किलों को मात देकर बना IAF Flying Officer; बढ़ाया परिवार का मान

गोपीनाथ के पिता चाहते थे कि वह इंजीनियर बनें, मगर उन्होंने अपने दादा की तरह सेना में जाने की ठानी. उनके दादा इंडियन आर्मी में कार्यरत थे. सबसे खास बात यह है कि गोपीनाथ तेलगु स्टेट से चुने गए इकलौते कैंडिडेट हैं. वह आज इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बन गए हैं.

फ्लाइंग ऑफिसर जी. गोपीनाध (फोटो: द न्यूइंडियन एक्सप्रेस)

नई दिल्ली: यदि आप कुछ कर गुजरने का ठान लें, तो फिर मुश्किलें भी मायने नहीं रखतीं. विजाग निवासी जी. गोपीनाथ (G. Gopinath) इसका सबसे जीवंत उदाहरण हैं. उन्होंने भारतीय वायुसेना (IAF) में अफसर बनने का सपना देखा था और मेहनत के बल पर आज उनका यह सपना साकार हो गया है. हालांकि, सपने को हकीकत में बदलने के लिए उन्हें मुश्किलों के पहाड़ को पार करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानीं. ऑटो ड्राइवर (Auto-Rickshaw Driver) के बेटे गोपीनाथ इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बन गए हैं. हैदाराबाद में हुई सैरेमनी में उन्होंने फ्लाइंग ऑफिसर की डिग्री हासिल की.

  1. हैदाराबाद में हुई सैरेमनी में मिली डिग्री
  2. गोपीनाथ के पिता ने 25 साल चलाया ऑटो
  3. बहन को था भाई की सफलता पर विश्वास

Father ने भी नहीं मानी हार

‘द न्यूइंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, गोपीनाथ (G. Gopinath) के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. उनके पिता ने 25 वर्षों तक ऑटो चलाकर ही परिवार की जरूरतों को पूरा किया है. हालांकि, ऑटो चलाने से घर और बच्चे की पढ़ाई का खर्च निकालना मुश्किल होता था, लेकिन बावजूद उनके पिता ने हिम्मत नहीं हारी और बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाई. जिसका नतीजा आज सबसे सामने है.  

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Gopinath ने चुनी दादा की राह

गोपीनाथ के पिता चाहते थे कि वह इंजीनियर बनें, मगर उन्होंने अपने दादा की तरह फोर्स में जाने की ठानी. उनके दादा इंडियन आर्मी में कार्यरत थे. सबसे खास बात तो यह है कि गोपीनाथ तेलगु स्टेट से चुने गए इकलौते कैंडिडेट हैं. पहले गोपीनाध एयरफोर्स में बतौर एयरमैन ज्वाइन हुए थे, लेकिन उनका सपना फ्लाइंग ऑफिसर बनने का था. वह डिस्टेंस से पढ़ाई भी करते रहे और काम भी.   

केवल Study पर ही था फोकस

गोपीनाथ ने बताया कि उन्हें पता था कि उनके पिता के पास पैसा नहीं है. वह काफी मेहनत करके परिवार का गुजारा करते हैं. ऐसे में उन्होंने केवल पढ़ाई पर ही ध्यान दिया. बहन गौरी ने बताया कि उन्हें अपने भाई की काबिलियत पर विश्वास था. गौरी ने कहा, ‘जब भाई ने विजाग डिफेंस कालेज में दाखिला लिया था, तभी से उन्हें विश्वास था कि वह एक दिन फ्लाइंग ऑफिसर जरूर बनेगा’. गौरी ने कहा कि भाई की सफलता से सबसे अधिक खुशी पिता को है. 

 

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