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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona Vaccine) के खिलाफ वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है और भारत में फिलहाल 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका (Corona Vaccine) लगाया जा रहा है. इस भारत में बनी स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के प्रभावी और सुरक्षित होने पर विश्व के प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल 'लांसेट (Lancet)' की मुहर गई है और जर्नल में कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का पीयर रिव्यु डेटा छपा है.
कोवैक्सीन (Covaxin) के तीसरे चरण के ट्रायल के लांसेट (Lancet) में छपे पीयर रिव्यु डेटा के मुताबिक यह स्वदेशी वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी है. वहीं यह वैक्सीन कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट (Coronavirus Delta Variant) के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी है. इसके अलावा कोरोना के गंभीर संक्रमण पर कोवैक्सीन 93.4 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है. लांसेट में छपे कोवैक्सीन के पियर रिव्यु डेटा के मुताबिक 18 से 59 साल के लोगों पर वैक्सीन 79.4 प्रतिशत प्रभावी है, जबकि 60 साल से ऊपर के लोगों पर कोवैक्सीन 67.8 प्रतिशत प्रभावी है.
लांसेट (Lancet) ने एक बयान में कहा कि कोवैक्सीन (Covaxin) की दोनों खुराक दिए जाने के दो सप्ताह बाद यह टीका एक मजबूत एंटीबॉडी रिस्पॉन्स उत्पन्न करता है. मेडिकल जर्नल ने कहा कि भारत में नवंबर 2020 और मई 2021 के बीच 18-97 वर्ष की आयु के 24419 वॉलंटियर्स को शामिल करने वाले कोवैक्सीन के ट्रायल के दौरान वैक्सीन से संबंधित मौत या कोई भी गंभीर प्रतिकूल घटनाएं दर्ज नहीं की गईं.
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बता दें कि कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित किया गया है, जिसे हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल फर्म भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने बनाया है.
इस महीने की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारतीय वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. डब्ल्यूएचओ से स्वीकृति मिलने के बाद कोवैक्सीन की खुराक ले चुके भारतीयों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा आसान हो जाएगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 96 देशों ने डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों को या तो मंजूर कर लिया है या कुछ देशों ने केवल कोविशील्ड या कोवैक्सीन को ही मंजूरी दी है. डब्ल्यूएचओं ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों टीकों को मान्यता दी है.
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