UP NEWS: पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को बड़ी राहत, 11 साल पुराने मामले में हुए बरी
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UP NEWS: पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को बड़ी राहत, 11 साल पुराने मामले में हुए बरी

Gayatri Prajapati News: प्रजापति के वकील संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि सुलतानपुर की सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश योगेश यादव ने साक्ष्यों के अभाव में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पूर्व मंत्री को बरी कर दिया है.

UP NEWS:  पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को बड़ी राहत, 11 साल पुराने मामले में हुए बरी

Gayatri Prajapati Code Of Conduct Violation Case: सुलतानपुर की एक अदालत ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में साक्ष्यों के अभाव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को शुक्रवार को दोषमुक्त करार दिया. एक अन्य आपराधिक मामले में लखनऊ जेल में बंद प्रजापति को कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को सुलतानपुर स्थित अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व मंत्री को आचार संहिता उल्लंघन मामले में दोषमुक्त करार दिया.

प्रजापति के वकील ने कही ये बात
प्रजापति के वकील संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि सुलतानपुर की सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश योगेश यादव ने साक्ष्यों के अभाव में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पूर्व मंत्री को बरी कर दिया है. उन्होंने बताया कि प्रजापति के खिलाफ 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था.

क्या है मामला?
चुनाव के दौरान तत्कालीन अमेठी कोतवाल अमरेंद्र नाथ बाजपेई ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ 28 जनवरी 2012 को नामांकन भरने के दौरान विधि विरुद्ध तरीके से जुलूस निकालकर नियम तोड़ने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था.

उम्रकैद की सजा काट रह हैं गायत्री प्रजापति
गौरतलब है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति गैंगरेप के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. पिछले साल नवंबर में सांसद/विधायक अदालत ने गायत्री समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और प्रत्येक दोषी पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. 18 फरवरी, 2017 को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य के खिलाफ थाना गौतम पल्ली में सामूहिक दुराचार, जानमाल की धमकी व पॉक्सो कानून के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. 

(इनपुट - एजेंसी)

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