UP चुनाव में SP के लिए बड़ी मुसीबत, पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ बागियों ने ठोंकी ताल
Advertisement
trendingNow11104733

UP चुनाव में SP के लिए बड़ी मुसीबत, पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ बागियों ने ठोंकी ताल

UP Assembly Election 2022: सपा के कई कार्यकर्ता टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं. इनमें वो कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो पिछले 25-30 साल से समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े थे.

फाइल फोटो | साभार- पीटीआई.

लखनऊ: यूपी विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election) में सपा (SP) को कई सीटों पर पार्टी से नाराज पुराने कार्यकर्ताओं के भितरघात का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं अवध से लेकर पूर्वांचल में सपा से हुए बागी मुसीबत खड़ी कर रहे हैं.

  1. सपा के बागी अनूप सिंह लड़ रहे निर्दलीय चुनाव
  2. इस चुनाव सबसे ज्यादा बागी सपा में हैं
  3. बड़ी संख्या में सपा के कार्यकर्ता हैं नाराज

गठबंधन के बाद भी मिल रही कड़ी चुनौती

यूपी चुनाव (UP Election) में इस बार ताल ठोंकने वाले बागियों की सबसे अधिक संख्या समाजवादी पार्टी में है. चौथे चरण से लेकर सातवें चरण के चुनाव में बागियों का सबसे अधिक सामना सपा को ही करना पड़ रहा है. कई सीटों पर गठबंधन के बाद भी उसे कड़ी चुनौती मिलने की भी बातें कही जा रही हैं जिसपर बीजेपी, सपा को घेरती हुई नजर आ रही है.

बागी दे रहे सपा को कड़ी टक्कर

अयोध्या की रुदौली सीट पर पूर्व विधायक अब्बास अली रुश्दी मियां सपा से इस्तीफा देकर बीएसपी के टिकट पर मैदान में हैं. वे सपा को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में हैं. अनूप सिंह बागी होकर बीकापुर के अखाड़े में निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. वो भी सपा के लिए चुनौती खड़ी करते दिख रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना के खात्‍मे की आ गई तारीख, WHO ने कही बड़ी बात

बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बागी

टांडा में शबाना खातून, मड़ियाहूं सीट पर पूर्व विधायक श्रद्धा यादव, श्रावस्ती सीट पर पूर्व विधायक मोहम्मद रमजान और फाजिल नगर सीट पर सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी बीएसपी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में आ चुके हैं.

खुलेआम बगावत करने वालों के अलावा सपा में ऐसे भितरघातियों की भी संख्या बहुतायत में है, जो पार्टी में उपेक्षा की वजह से आहत हैं और इस बार भी टिकट पाने से वंचित रह गए हैं. इनमें बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो करीब 25-30 साल से पार्टी के प्रति निष्ठा से काम करते रहे और जब बारी आई तो पार्टी ने या तो वो सीट सहयोगी दल को दे दी या दूसरे दलों से आए लोगों को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया.

गौरतलब है कि ऐसे लोग भी सपा के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए चुनौती बन सकते हैं. हालांकि सपा के सहयोगी दल आरएलडी और एसबीएसपी इन सीट पर जीत का दावा कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- दिल्ली दंगों के बाद पलायन को मजबूर हिंदू परिवार, DCP को सुनाया दर्द

सपा में टिकट कटने से आहत कई ऐसे विधायक भी हैं जो खुद तो अधिकृत प्रत्याशी के साथ घूमकर साथ होने का दिखावा कर रहे हैं, पर उनके समर्थकों का समर्थन पार्टी के प्रत्याशियों को नहीं मिल रहा है. ऐसे समर्थक क्षेत्र में निकलने के बजाय चुप्पी साधकर घर बैठ गए हैं.

LIVE TV

Trending news