पोरबंदर के एक मौलाना ने वीडियो जारी करके कहा था कि मुस्लिम युवकों को राष्ट्रध्वज फहराया गया था, लेकिन इसे सलामी नहीं देनी चाहिए.
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Fatwa on hoisting the tricolor: 15 अगस्त को देश अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने वाला है. पूरे देश में इसकी तैयारियां चल रही हैं. पीएम मोदी ने 13 अगस्त से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान का आह्वान किया है, जिसके तहत लोगों से अपने घरों में तिरंगा फहराने की अपील की है. हालांकि, देश के गद्दारों को ये बात पसंद नहीं आ रही है. गुजरात के पोरबंदर में तो तिरंगा लहराने पर फतवा जारी कर दिया गया है. गुजराती न्यूज पोर्टल 'देश गुजरात' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पोरबंदर के एक मौलाना ने वीडियो जारी करके कहा था कि मुस्लिम युवकों को राष्ट्रध्वज फहराया गया था, लेकिन इसे सलामी नहीं देनी चाहिए.
इसके बाद मुस्लिम समाज के 6 युवक मौलाना हाफिज वासिफ राजा के पास गए और वायरल ऑडियो क्लिप को लेकर सवाल किया था. कथित तौर पर मौलाना ने स्वीकार किया कि क्लिप सही है और उन्होंने ही यह बयान दिया है. इस पर युवकों ने उन्हें देशभक्त होना चाहिए, इसलिए उनका बयान गलत है. लेकिन मौलाना रजा अपनी बात पर कायम रहे और ऑडियो में कही बातों को दोहराया. इस पर मुस्लिम युवकों ने मौलाना के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई.
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इसके बाद मौलाना के साथ कुछ लोगों ने उन युवकों के साथ मारपीट की और उन्हें डराया धमकाया. मौलाना की ओर से उन्हें काफी प्रताड़ित किया गया और मुस्लिम समाज से बाहर करने की धमकी दी गई. जिसके चलते युवकों ने फिनाइल पी ली. इस मामले में पोरबंदर के एसपी भागीरथ सिंह जडेजा ने कहा कि ऑडियो क्लिप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. वहीं दारुल उलूम गौसे के ट्रस्टी युसूफ मोहम्मद पंजानी और अन्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर दावा किया कि जिस क्लिप को वायरल किया जा रहा है वह सही नहीं है. मौलाना रजा ने ऐसा कोई भाषण नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि जिन लड़कों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है उनके खिलाफ पहले से भी कुछ केस चल रहे हैं.