झारखंड सरकार का फैसला, राज्य में धार्मिक स्थल के साथ खुलेंगे कक्षा 6 से ऊपर के स्कूल
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झारखंड सरकार का फैसला, राज्य में धार्मिक स्थल के साथ खुलेंगे कक्षा 6 से ऊपर के स्कूल

सभी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के प्रवेश की अनुमति दे दी गई है. कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं भी खोली जाएंगी. झारखंड सरकार पहले ही कक्षा 9 से 12वीं तक खोलने की अनुमति दे चुकी है. 

राज्य में धार्मिक स्थल के साथ खुलेंगे कक्षा 6 से ऊपर के स्कूल. (फाइल फोटो)

Ranchi: कोरोना महामारी को देखते हुए झारखंड सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक स्थल और कक्षा 6 से ऊपर के स्कूल खोले जाएंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की अध्यक्षता में हुई झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है. 

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, सभी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के प्रवेश की अनुमति दे दी गई है. कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं भी खोली जाएंगी. झारखंड सरकार पहले ही कक्षा 9 से 12वीं तक खोलने की अनुमति दे चुकी है. सभी संबंधित व्यक्तियों जैसे पुजारियों, पंडों, इमामों, पादरियों आदि के लिए कोविड-19 के खिलाफ कम से कम एक टीका खुराक लेना अनिवार्य होगा.

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देवघर में बाबा धाम मंदिर जैसे जिलाधिकारी द्वारा चिन्हित धार्मिक स्थलों पर एक घंटे में अधिकतम 100 व्यक्ति ई-पास के माध्यम से प्रवेश कर सकेंगे. धार्मिक स्थलों पर 50 प्रतिशत क्षमता पर लोगों को एकत्रित होने की अनुमति होगी. हालांकि, 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति का प्रवेश बैन रहेगा. सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य होगी और बिना मास्क के लोगों को एंट्री नहीं करने दी जाएगी.

कॉलेजों में ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट शिक्षा के सभी वर्षों के लिए ऑफलाइन कक्षाओं की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है. अब एक महत्वपूर्ण निर्णय में, स्कूलों में कक्षा 6 से 8 के लिए ऑफलाइन कक्षाओं की अनुमति दी गई थी. इसके अलावा, सभी खेल गतिविधियों को दर्शकों के बिना अनुमति दी गई है, जबकि बार और रेस्तरां रात 11 बजे तक खुल सकते हैं. 

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साथ ही सरकार ने दिशा-निर्देशों के साथ दुर्गा पूजा पंडालों के निर्माण की भी अनुमति दे दी है. पंडाल में एक बार में 50 प्रतिशत से अधिक या 25 से अधिक व्यक्तियों (जो भी कम हो) के एकत्र होने पर पंडाल में भक्तों के प्रवेश पर बैन रहेगा.

मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई 5 फीट होगी. कोई तोरण द्वार या स्वागत द्वार नहीं होगा. पंडाल किसी विषय पर आधारित नहीं होगा. पंडाल को तीन तरफ से घेरा जाएगा. भोग या प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा. पूजा समितियों द्वारा आमंत्रण पत्र का वितरण नहीं किया जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर छोड़कर ज्यादा रौशनी करने पर पाबंदी रहेगी. गरबा, डांडिया आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक रहेगी. 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के प्रवेश की अनुमति नहीं है. आस-पास कोई खाने का स्टॉल या गाड़ी नहीं होगी. विसर्जन जुलूस नहीं होगा. विसर्जन जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थान पर किया जाएगा. कोई भी व्यक्ति पंडाल में किसी भी समय बिना मास्क के नहीं रहेगा.

(इनपुट- आईएएनएस)

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