Lok Sabha Election 2024: इंडी अलायंस को बिहार और महाराष्ट्र से काफी उम्मीदें थीं, क्योंकि इन दोनों राज्यों में बीजेपी को धोखा देकर सत्ता से बाहर किया गया था. महाराष्ट्र के बाद अब बिहार की सत्ता में भी बीजेपी की वापसी होती नजर आ रही है. अगर नीतीश कुमार फिर से पलटी मारते हैं तो लोकसभा चुनाव से पहले ये INDI Alliance के लिए बड़ा झटका होगा.
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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष ने एकजुट होकर I.N.D.I.A. बनाया था. हालांकि, चुनाव से पहले ही यह गठबंधन हवा होता नजर आ रहा है. इंडी अलायंस को बिहार और महाराष्ट्र से काफी उम्मीदें थीं, क्योंकि इन दोनों राज्यों में बीजेपी को धोखा देकर सत्ता से बाहर किया गया था. महाराष्ट्र के बाद अब बिहार की सत्ता में भी बीजेपी की वापसी होती नजर आ रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक बार फिर से बीजेपी पर दिल आ गया है और वह एनडीए में वापसी करने की तैयार कर रहे हैं. इस तरह से राजद के हाथों से सत्ता फिसलती दिख रही है.
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश की बीजेपी के साथ उनकी सारी सेटिंग हो चुकी है. बीजेपी की ओर से 2025 विधानसभा चुनाव तक नीतीश को ही मुख्यमंत्री बने रहने पर सहमति बन चुकी है. बीजेपी आलाकमान की ओर से इसकी हरी झंडी मिल चुकी है. 2020 वाले फॉर्मूले पर ही नई सरकार का गठन होगा. 2020 में जो मंत्रालय का बंटवारा हुआ था, वहीं बरकरार रहने की संभावना है. इस तरह से नई सरकार में भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे और बीजेपी को दो डिप्टी सीएम बनाने का मौका मिलेगा. बस अब लोकसभा चुनाव के लिए फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है.
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अगर नीतीश कुमार फिर से पलटी मारते हैं तो लोकसभा चुनाव से पहले ये INDI Alliance के लिए बड़ा झटका होगा. इतना ही नहीं बीजेपी की ओर से लालू यादव के षड़यंत्र का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी चल रही है. बीजेपी अब बिहार कांग्रेस में जबरदस्त तोड़फोड़ करने वाली है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के कम से कम 10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. कांग्रेस के 10 विधायक अलग होकर अपना गुट बना सकते हैं.
बिहार की तरह महाराष्ट्र में भी मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी संग धोखा किया था और कांग्रेस-एनसीपी संग मिलकर सरकार बना ली थी. चुनाव जीतने के बाद भी बीजेपी को विपक्ष में बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा था. उस वक्त विपक्ष बहुत खुश हुआ था. हालांकि, बीजेपी ने बाद में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना को तोड़ दिया और फिर से सरकार बना ली. अब उद्धव के हाथ में ना सत्ता बची और ना ही पार्टी. चुनाव आयोग ने शिवसेना का असली मालिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को घोषित किया है.