बिहार में सैलाब की जद में आए कई जिले, सैकड़ों गांव हुए जलमग्न
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बिहार में सैलाब की जद में आए कई जिले, सैकड़ों गांव हुए जलमग्न

Bihar Samachar: मुस्लसल बारिश से बिहार की कई नदियों के जल स्तर में बेइंतहा इजाफा हुआ है जिसने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं.

 

बिहार में सैलाब की जद में आए कई जिले. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: नेपाल और नेपाल के तराई क्षेत्र में पड़ने वाले बिहार के कई जिलों में लगातार कई दिनों से बारिश हो रही है जिसने बिहार की चिंता बढ़ा दी है. मुस्लसल बारिश से बिहार की कई नदियों के जल स्तर में बेइंतहा इजाफा हुआ है जिसने बाढ़ (Flood) जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. कई जिलों के ग्रामीण क्षेत्र का तो अभी से आलम ये हो गया है कि लोग घर-बार छोड़कर ऊंची जगहों पर शरण ले रहे हैं. ऐसी तस्वीरें सिर्फ एक दो जिलों की नहीं है बल्कि बिहार के कई जिलों की हैं. 

गोपालगंज में गंडक नदी ने अभी से तबाही मचा रखी है. नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों के घरों में पानी घुस गया है. करीब दस दिनों से यहां की हालत काफी खराब है. यहां के सदर अनुमंडल के सदर प्रखंड, मांझागढ़ प्रखंड, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड में सैकड़ों गांव पानी की जद में है. जिसकी वजह से लोगों ने छतों पर डेरा जमा रखा है. 

तो वहीं, नालंदा में लगातार पांच दिनों से हो रही बारिश से पंचाने नदी समेत दूसरी नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया है. जिससे इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पंचाने नदी की वजह से शहरी इलाकों में जल जमाव की स्थिति बन गई है. खेतों में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है. 

बेतिया में भी गंडक नदी में आया उफान जमकर तबाही मचा रहा है. योगापट्टी प्रखंड के खुटवनिया, जरलपुर पंचायत के जरलपुर शाही बाजार, डिही, गजना, सिसवा मंगलपुर, चौमुखा मंगलपुर जैसे दर्जनों गांव बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं. ऐसे में यहां के लोग ऊंची जगह पर मकान बनाकर शरण ले रहे हैं. इंडो नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) पर स्थित वाल्मिकीनगर गंडक बराज से 4.12 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से दियारा के निचले इलाकों के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं.

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भागलपुर में भारी बारिश होने से गंगा नदी के जल स्तर में भी काफी वृद्धि होने लगी है. यहां तो दियारा इलाके के लोग  पेड़ो पर या फिर अपने घरों के छतों पर मकान बनाकर जिंदगी बचाने की लड़ाई लड़ने की तैयारी में जुट गए है. 

छपरा में भी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जिससे तरैया प्रखंड के 6 से ज्यादा गांव में बाढ़ जैसे हालात है. तरैया के सगुनी, शामपुर, राजवाड़ा, अरदेवा, जिमदहा और चंचलिया दियारा गांव में शुक्रवार सुबह ही पानी फैल गया. बाढ़ के खतरे को देखते हुए लोग घर छोड़कर अपने मवेशी और सामान के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए भागने लगे. यहां सड़क के ऊपर से पानी बह रहा है, जिससे आवागमन भी पूरी तरह से ठप है. 

गया में भी लगातार चार दिनों से हो रही बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. झारखंड के सीमावर्ती इलाकों से निकलने वाली नदियों में सैलाब आ गया है. पानी की तेज धार के बीच गया-रजौली मुख्य मार्ग का डायवर्जन तेज धार के बीच टूट गया है.

तो वहीं, बारिश के बाद बगहा में पानी की वेग ने जमकर तबाही मचाई है. यहां पर आधा दर्जन तटबंध टूट गए हैं, जिसकी युद्धस्तर पर मरम्मत की जा रही है. लौकरिया छत्रौल में दोन केनाल नहर पर 100 फीट बांध टूट गया है. इसके अलावा पीपी तटबंध पर स्टड धस गया है.

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