Bihar Samachar: स्वास्थ्य विभाग के दावों के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है और अस्पताल ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों को डिस्चार्ज कर रहे हैं.
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Patna: बिहार में स्वास्थ्य विभाग कोरोना को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहा है. लेकिन सच्चाई ये है कि स्वास्थ्य विभाग ने बिहार के मरीजों को उसके अपने भरोसे पर छोड़ दिया है. सूबे के दूर दराज की बातें तो छोड़िए, राजधानी में भी लोग ऑक्सीजन, दवाई, बेड के लिए दर-बदर भटक रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के दावों के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है और अस्पताल ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों को डिस्चार्ज कर रहे हैं. कंकड़बाग में कुछ ऐसे तिमारदार दिखे जो बाइक पर खाली ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर दौड़ते भागते नजर आए. पूछने पर पता चला कि इनके परिजन अस्पताल में भर्ती है और उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर लाने को कहा है. इसी तरह पटना सिटी के कुम्हरार में कुमार ऑक्सीजन गैस एजेंसी के बाहर मरीजों के साथ ही अलग-अलग अस्पतालों के स्टाफ दिखे. ये सभी ऑक्सीजन लेने के लिए पहुंचे थे. कुमार ऑक्सीजन गैस एजेंसी के स्टाफ के मुताबिक, तीन दिनों से ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर से गैस नहीं आ रही है लिहाजा वो देने में सक्षम नहीं हैं.
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कुमार गैस एजेंसी के स्टाफ ने बताया कि उनका काम पटना सिटी के अलग-अलग अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराना है. उनके पास छोटे और बड़े सभी तरह के खाली सिलेंडर मौजूद है लेकिन ऑक्सीजन नहीं है. यहीं पर कई अस्पतालों के स्टाफ भी दिखे. एक अस्पताल के मैनेजर ने बताया कि, ऑक्सीजन के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं. बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग से कोई मदद नहीं मिली है. यहां पर खाली ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के साथ कुछ वैसे लोग भी दिखे जिनके करीबी अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. अगर समय से ऑक्सीजन नहीं मिली तो उनकी जान जा सकती है. लेकिन कुमार गैस एजेंसी के पास ऑक्सीजन की उपलब्ध नहीं है. एजेंसी ने बाहर पोस्टर चिपकाकर ये जानकारी भी दे दी है.
वहीं दूसरी तरफ पटना में लगातार कोरोना से मौत हो रही है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग कोई भी आंकडा दे लेकिन हकीकत अलग है. हकीकत ये है कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना से मौत का आंकड़ा छिपा रहा है. पूरे बिहार को लेकर स्वास्थ्य विभाग कोरोना से मौत के मामले में चाहें जो आंकड़े जारी कर लेकिन हकीकत कुछ और है. सिर्फ पटना में ही 26 अप्रैल को 108, 27 अप्रैल को 62, 28 अप्रैल को 106, 29 अप्रैल को 65 लोगों कोरोना से मरे लोगों के शव अलग-अलग श्मशान घाटों पर पहुंचे.
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इसी तरह 30 अप्रैल को 76 शव पटना के बांस घाट, गुलबी घाट और खाजेकलां घाट पर जलाने के लिए लाए गए थे. इसी बीच पटना नगर निगम ने श्मशान घाटों से लगातार आ रही शिकायतों की वजह से यहां पर सीसीटीवी लगाने का फैसला किया है.