वैकल्पिक रूप से फर्श पर इलाज करा रहे मरीजों को आई डिपार्टमेंट के लगभग 90 बेडो का अभी इस्तेमाल किया जाएगा. वहीं लंबे अरसे से कार्य कर रहे रिम्स के नियमित कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलने जा रहा है.
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रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के 55वीं शासी परिषद की बैठक रविवार को संपन्न हुई. बता दें कि 10 महीनों बाद यह बैठक पूरी हो सकी है, लगभग 5 घंटे चली इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. सबसे पहले लगभग 1208 करोड़ रुपए की लागत से दो भवनों का निर्माण होगा. इसमें सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक एवं मदर चाइल्ड केयर शामिल है दरअसल लगातार फर्श पर इलाज करा रहे मरीजों के लिए इस स्विंग का निर्माण किया जा रहा है.
आई डिपार्टमेंट के 90 बेड को होगा इस्तेमाल
बता दें कि वैकल्पिक रूप से फर्श पर इलाज करा रहे मरीजों को आई डिपार्टमेंट के लगभग 90 बेडो का अभी इस्तेमाल किया जाएगा. वहीं लंबे अरसे से कार्य कर रहे रिम्स के नियमित कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलने जा रहा है. निजी लैब पर निर्भरता को खत्म करने के लिए सेंट्रल लाभ और डायग्नोस्टिक सेंटर को दुरुस्त करने व नए एक्सरे मशीन खरीदने पर भी मंजूरी दी गई है. परिषद में यह भी फैसला लिया गया है कि अस्पताल के इर्द-गिर्द लगे निजी क्लीनिक और अस्पतालों के बोर्ड और बैनर हटेंगे.
रिम्स की खराब लिफ्ट को किया जाएगा दुरुस्त
बता दें कि लंबे समय से बंद पड़े लिफ्ट को भी दुरुस्त किया जाएगा. कुल 44 लिफ्ट शामिल है इसके अलावा पार्किंग स्थल दूर होने की वजह से 10 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जाएंगे, जो मरीजों और रिम्स के कर्मियों को उनके गंतव्य स्थान तक छोड़ेगा. हालांकि, इस बैठक के बाद जब स्वास्थ्य मंत्री बाहर निकले तो उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ा और जयकार के नारे भी लगे. साथ ही रिम्स की ओर से आम लोगों को जोड़ने वाले रास्ते को बंद करने पर लोगों ने विरोध जताया.
इनपुट- आयुष कुमार सिंह