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Surya Puja: ज्योतिष के अनुसार सूर्य को ग्रहों के राजा की उपाधि दी गई है. सूर्य ऊर्जा के साथ ही मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा दिलाता है. सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा के रूप में स्थान दिया गया है. इसे पिता का कारक भी माना जाता है जैसे चंद्रमा को ज्योतिष में मन और मां का कारक माना गया है. ऐसे में किसी जातक की कुंडली में सूर्य उच्च का हो तो वह जातक को मान-सम्मान और पद प्रतिष्ठ दिलाता है. इसके साथ ही सरकार से भी उसे खूब मदद मिलती है या कहें तो सरकारी नौकरी में ऐसे जातक उच्च पद पर आसीन होते हैं.
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ऐसे में सूर्य राजा है इसलिए राजनीति के क्षेत्र में भी जातक को खूब आगे ले जाता है. यह लोगों को सिद्धांतवादी भी बना देता है. जिन जातक की कुंडली में सूर्य मजबूत हो उसे अनुशासन में रहने वाला और इसका पालन करने और कराने वाला बना देता है. सूर्य की वजह से जातक में किसी भी चीज का प्रतिनिधितिव करने की क्षमता बलवती हो जाती है. ऐसे लोग उच्च पदों पर विराजमान होते हैं.
मजबूत सूर्य हो तो ऐसे लोग आदेश देने वाले होते हैं और लोग इनके आदेशों का पालन भी करते हैं. यह अधीनता स्वीकार करने वाले लोग नहीं होते हैं वहीं ऐसे लोग मर्यादा में रहना जानते हैं. भावनाओं को कैसे नियंत्रण में रखना है इनको अच्छी तरह से आता है. सूर्य अगर कुंडली में कमजोर हो तो पेट से संबंधित परेशानी देता है. आंखों में परेशानी को बढ़ाता है. हृदय रोग से भी लोग ग्रसित हो सकते हैं. शरीर में कमजोरी बनी रहती है.
ऐसे में जीवन में कामयाब होना है तो सूर्य को मजबूत करना बेहद जरूरी है. ऐसे में रविवार को सूर्यदेव की उपासना और पूजा जरूर करनी चाहिए. सूर्य देव को गुड़ और लाल कुमकुम मिश्रित जल जरूर देना चाहिए. साथ ही आदित्य हृदयस्त्रोत का पाठ भी करना चाहिए. इसके साथ ही सूर्य के बीज मंत्र का जाप भी सूर्य की स्थिति को मजबूत करता है.