Haryana Politics: भाजपा के लिए बगावत का संकट उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के कुछ समय बाद ही शुरू हो गया था, क्योंकि इससे कई लोग नाराज हो गए थे.
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हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी जैसा चाह रही थी वैसा होता नहीं दिख रहा है. 10 साल से सत्ता में मौजूद बीजेपी ने जैसे ही 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 67 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की उसके तत्काल बाद पार्टी में बगावत देखने को मिल रही है. कई दिग्गज नेताओं के टिकट कटने के बाद उन्होंने बगावत का परचम लहरा दिया है. जहां सावित्री जिंदल टिकट कटने के बावजूद निर्दलीय लड़ने के लिए अड़ गई हैं वहीं चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ दी है. दूसरी तरफ कांग्रेस खेमे से खबर आ रही है कि आज दोपहर में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पार्टी में शामिल होंगे. पिछले दिनों उनकी मुलाकात राहुल गांधी से हुई थी. इनके चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. इन सब बदलते घटनाक्रम से बीजेपी के अंदरखाने टेंशन बढ़ गई है.
बागी तेवर
भाजपा के लिए बगावत का संकट उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के कुछ समय बाद ही शुरू हो गया था, क्योंकि इससे कई लोग नाराज हो गए थे. पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के पुत्र और ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत चौटाला (79) ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद लिया है और अब वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. लक्ष्मण नापा ने टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ दी वहीं पूर्व मंत्री कर्ण देव काम्बोज ने भी पार्टी द्वारा उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज किए जाने के बाद प्रदेश भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया.
रणजीत चौटाला ने पार्टी द्वारा सिरसा जिले के रानिया विधानसभा क्षेत्र से उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज़ किए जाने के बाद अपने समर्थकों की एक बैठक बुलाई. चौटाला से जब उनके कदम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैंने अपने समर्थकों से सलाह-मशविरा करने के बाद यह फ़ैसला लिया." चौटाला ने कहा, "मेरे उनसे (भाजपा से) अच्छे संबंध थे. उन्होंने मुझे लोकसभा का टिकट दिया (हिसार से, जहां से वह हार गए) लेकिन पता नहीं उन्होंने किसकी सलाह पर काम किया. मैं कहूंगा कि जिसने भी उन्हें यह सलाह दी है, उसने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है."
उन्होंने कहा, "मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं. मेरा कुछ कद है...मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है." चौटाला ने यह भी कहा कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा छोड़ दी है. चौटाला रानिया सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन भाजपा ने उनकी जगह शीशपाल काम्बोज को मैदान में उतार दिया.
रणजीत लोकसभा चुनाव से पहले रानिया से निर्दलीय विधायक के पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे और हिसार संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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सावित्री जिंदल
वहीं पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने कहा कि वह निर्दलीय के रूप में ही सही, हिसार से चुनाव लड़ेंगी. सावित्री जिंदल मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं. उनके बेटे एवं उद्योगपति नवीन जिंदल भी भाजपा में शामिल हो गए थे. हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल कहा कि वह हिसार से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगी. सावित्री जिंदल ने संवाददाताओं से कहा कि "मैं हिसार के लोगों के कहने पर चलूंगी." एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मैंने चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है. मैं अपने लोगों की सेवा करना चाहती हूं, क्योंकि यह मेरा आखिरी चुनाव है."
यह पूछे जाने पर कि क्या वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भी चुनाव लड़ेंगी, उन्होंने कहा कि जो भी संभव होगा वह करेंगी. क्या हिसार से भाजपा उम्मीदवार के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ना विद्रोह नहीं माना जाएगा, उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं माना जाएगा. मैंने सिर्फ़ अपने बेटे (लोकसभा चुनावों में नवीन जिंदल) के लिए प्रचार किया था. मैंने (भाजपा की) कोई सदस्यता नहीं ली है." नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं.
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लक्ष्मण नापा हुए कांग्रेस में शामिल
फतेहाबाद जिले के रतिया सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक लक्ष्मण नापा ने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र की पूरी निष्ठा से सेवा की और विकास कार्य किए. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पार्टी ने उन्हें विधानसभा क्षेत्र से फिर टिकट क्यों नहीं दिया. रतिया से पार्टी ने सिरसा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को मैदान में उतारा है. नापा ने पार्टी छोड़ने के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से गुरुवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके आवास पर मुलाकात की और बाद में शाम में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा भी मौजूद थे. हुड्डा ने उनका और उनके समर्थकों का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा, "नापा और उनके साथ हमारी पार्टी में शामिल होने वालों ने सही समय पर सही फैसला लिया है."
उन्होंने कहा, "यह फैसला भाजपा को सत्ता से बाहर करने और कांग्रेस की बड़े बहुमत वाली सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक सिद्ध होगा.
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ये नेता भी हुए हुए बागी
मंत्री संजय सिंह और पूर्व मंत्री संदीप सिंह समेत कुछ मौजूदा भाजपा विधायकों के नाम भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में नहीं हैं. सोहना से विधायक संजय सिंह ने कहा कि पार्टी ने उनके साथ "अन्याय" किया है. हरियाणा की पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता कविता जैन सोनीपत से टिकट चाह रही थीं. वह भी पार्टी द्वारा निखिल मदान को निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारने के बाद नाराज हैं. वह सोनीपत में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गईं और कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी पार्टी के लिए एक समर्पित सैनिक के रूप में काम किया है और उनकी उम्मीदवारी पर विचार किया जाना चाहिए था.
गुरुग्राम में मुकेश शर्मा को भाजपा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद पार्टी नेता और टिकट चाह रहे नवीन गोयल ने बगावत करके इस्तीफा दे दिया. भाजपा के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक एवं पर्यावरण संरक्षण विभाग के प्रमुख गोयल ने अब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उनके साथ सौ से अधिक पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है.
भाजपा ने बुधवार को जारी अपनी पहली सूची में हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं करनाल से मौजूदा विधायक नायब सिंह सैनी को लाडवा सीट से मैदान में उतारा है और पार्टी में हाल ही में शामिल हुए कई लोगों को टिकट दिया है. भाजपा की नजर हरियाणा में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने पर है लेकिन उसे कांग्रेस से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस राज्य में सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.
सैनी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव की मतगणना 8 अक्टूबर को होगी.
(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)