अमित शाह के गृह मंत्री बनते ही BJP सांसद की मांग- ED को गृह मंत्रालय के अधीन होना चाहिए
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अमित शाह के गृह मंत्री बनते ही BJP सांसद की मांग- ED को गृह मंत्रालय के अधीन होना चाहिए

मौजूदा व्यवस्था के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय पीएमएलए के तहत स्वतंत्र रूप से कोई मामला दर्ज नहीं कर सकता 

.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अमित शाह के गृह मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को कहा कि धन शोधन से संबंधित अपराध की जांच करने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को वित्त मंत्रालय से गृह मंत्रालय में स्थानांतरित कर देना चाहिए. सांसद ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है. ईडी वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत काम करता है. जांच एजेंसी के निदेशक का पद एक अतिरिक्त सचिव के पद के बराबर होता है और वह राजस्व सचिव को रिपोर्ट करता है. ईडी मुख्यत: धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) और विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) से जुड़े मामलों की जांच करता है.

दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने दलील दी कि फेमा के तहत दर्ज होने वाले ज्यादातर मामले उन अपराधों के होते हैं जो भारतीय दंड संहिता या गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) कानून या हथियार कानून और अन्यों के तहत दर्ज होते हैं.

मौजूदा व्यवस्था के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय पीएमएलए के तहत स्वतंत्र रूप से कोई मामला दर्ज नहीं कर सकता और उसे आईपीसी, एनडीपीएस या पासपोर्ट कानून समेत अन्य कानूनों के तहत दर्ज मामले पर ही संज्ञान लेना होता है. दुबे ने कहा, ‘‘ईडी में मौजूदा व्यवस्था के अनुसार प्रधान रूप से वित्त मंत्रालय के अधिकारी होते हैं जिनके पास आईपीसी या अन्य ऐसे कानूनों से जुड़े मामलों में कोई पर्याप्त विशेषज्ञता या प्रशिक्षण नहीं होता है.’’

उन्होंने कहा कि पीएमएलए से जुड़े मामलों से निपटने में ऐसे कानूनों की जानकारी आवश्यक होती है. उन्होंने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि अधिकांश ऐसे अपराध गृह मंत्रालय के डोमेन में आते हैं तो यह स्वाभाविक है कि पीएमएलए को मंत्रालय के अंतर्गत लाया जाए और साथ ही ईडी को भी.’’सांसद ने कहा कि ईडी को गृह मंत्रालय के अधीन लाना अधिक उचित है क्योंकि इसका नेतृत्व शाह कर रहे हैं जो ‘‘निर्णायक, अति सक्रिय और निष्पक्ष’’ हैं.

 

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