Farmers Protest: नए कृषि कानूनों पर सरकार के न झुकने से किसान यूनियन परेशान, दबाव बनाने के लिए बनाई ये रणनीति
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Farmers Protest: नए कृषि कानूनों पर सरकार के न झुकने से किसान यूनियन परेशान, दबाव बनाने के लिए बनाई ये रणनीति

देश में पिछले करीब 2 महीने से आंदोलन  (Farmers Protest)  करने के बावजूद सरकार पर कोई असर न पड़ते देख किसान यूनियनें अब परेशान होने लगी हैं. नागपुर पहुंचे बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान जब नए कृषि कानूनों की वापसी चाहती हैं तो सरकार अपनी जिद पर क्यों अड़ी है. 

राकेश टिकैत (फाइल फोटो)

मुंबई: पिछले 53 दिन से दिल्ली की सरहदों पर आंदोलन करने के बावजूद नए कृषि कानूनों (New Farms Law) को रद्द करवाने में नाकामयाब रहे किसा नेता अब देश के दूसरे हिस्सों में आंदोलन (Farmers Protest) फैलाने में जुट गए हैं. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) महाराष्ट्र के नागपुर में पहुंचे और आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. 

  1. 'सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द क्यों नहीं कर रही?'
  2. 'जब कानून स्थगित हो तो अब आंदोलन क्यो हो रहा'
  3. 'कानून रद्द करने के अलावा कोई दूसरी मांग है तो बताएं किसान' 

'सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द क्यों नहीं कर रही?'

राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि कई लाख किसान दिल्ली के बॉर्डर पर दो महीने से डेरा (Farmers Protest) डाले हुए हैं. इसके बावजूद सरकार नए किसान कानूनों को रद्द क्यों नहीं कर रही है? टिकैत ने आरोप लगाया कि आंदोलन के मसले पर सरकार हठधर्मिता दिखा रही है. इससे ऐसा लग रहा है कि यह आंदोलन अब लंबा खिंचने जा रहा है. 

 

'जब कानून स्थगित हो तो अब आंदोलन क्यो हो रहा'

उधर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कानून के अमल पर रोक लगा दी है, तब किसान धरने पर क्यों हैं?  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत सरकार ने किसानों से 9 बार बात की है.  हम चाहते हैं कि कृषि कानूनों पर किसान हर क्‍लॉज पर चर्चा करें. अगर उन्‍हें कोई आपत्ति होगी, तो हम संशोधन के लिए तैयार हैं.  

'कानून रद्द करने के अलावा कोई दूसरी मांग है तो बताएं किसान' 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा, 'कानून रद्द करने के अलावा कोई दूसरी मांग है तो किसान बताएं, सरकार खुले मन से चर्चा करेगी. कोई भी कानून पूरे देश के लिए बनता है. अदालत ने अभी कानून के अमल पर रोक लगा रखी है, कोई बात है तो कमेटी के सामने भी रख सकते हैं.'

'सरकार किसानों की आशंकाओं को दूर करने पर सहमत'

उन्होंने कहा, 'हमने किसान यूनियनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें हम मंडियों, व्यापारियों के पंजीकरण और अन्य के बारे में उनकी आशंकाओं को दूर करने पर सहमत हुए थे. सरकार भी पराली जलाने और बिजली से जुड़े कानूनों पर चर्चा करने के लिए सहमत हुई थी. लेकिन यूनियनें केवल कानूनों को निरस्त करना चाहती हैं.'

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19 जनवरी को होगी 10वें राउंड की बातचीत

नरेंद्र तोमर ने कहा कि किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, इन बिलों से सहमत हैं. जिद का तो सवाल ही नहीं है.  सुप्रीम कोर्ट ने तो क्रियानवयन को भी रोक दिया है. किसानों और सरकार के बीच दसवें राउंड की बातचीत अब 19 जनवरी को होगी. इस पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 19 तारीख की बैठक में क्लॉज बाय क्‍लॉज चर्चा करेंगे. हम बातचीत के लिए बिल्कुल तैयार हैं. 

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