ओडिशा में काले रंग के बाघ देखे गए हैं, जो दुर्लभ प्रजाति के हैं. दुनिया में काले बाघ कहीं और नहीं पाए जाते और भारत में भी सिर्फ सात या आठ काले बाघ ही बचे हुए हैं.
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भुवनेश्वर/नई दिल्ली: ओडिशा में काले रंग के बाघ देखे गए हैं, जो दुर्लभ प्रजाति के हैं. दुनिया में काले बाघ कहीं और नहीं पाए जाते और भारत में भी सिर्फ सात या आठ काले बाघ ही बचे हुए हैं. काले बाघ की तस्वीरें कैमरे में कैद करने का सौभाग्य मिला शौकिया फोटोग्राफर सौमेन बाजपेयी को.
मेलनिस्टिक टाइगर-सामान्य से थोड़ा अलग
ओडिशा (Odisha) में काले बाघ (Black Tigers) मिलने से वन्यजीव प्रेमी हैरान हैं, क्योंकि काले बाघ की प्रजाति का मिलना बेहद दुर्लभ क्षण है. ये बाघ ओडिशा में ही पाए जाते हैं और सामान्य बाघों से थोड़े छोटे होते हैं. मौजूदा समय में इनकी कुल संख्या 7 या आठ ही है. इन्हें मेलनिस्टिक टाइगर(Melanistic Tiger) नाम से जाना जाता है.
भारत में दुनिया के 70 फीसदी बाघ
भारत बाघों की रिहाइश के हिसाब से सबसे बड़ा देश है. भारत में दुनिया के करीब 70 फीसदी बाघ मिलते हैं, जिसमें सफेद बाघ भी शामिल हैं. सफेद बाघ मध्य प्रदेश के पन्ना और उसके आसपास के इलाकों में ही पाए जाते हैं. काले बाघों के मामले में इनका रंग जेनेटिक डिफेक्ट की वजह से काला होता है, जो उनके संतरी रंग को ढंक देता है.
सबसे पहले 1990 में दिखे थे काले बाघ
दुनिया साल 1990 तक काले बाघों (Black Tigers) की मौजूदगी से अनजान थी. वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Wildlife Institute of India) के वैज्ञानिक और वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट डॉ बिवाश पांडव ने कहा ओडिशा में 7 या आठ काले बाघ हैं. 2018 में इनकी गिनती आखिरी बार हुई थी. और साल 2007 में इनके रहने के क्षेत्र की पहली बार पहचान हुई थी. हालांकि इनका वजूद पर बेहद खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि शिकार की वजह से न सिर्फ इनकी आबादी विलुप्त होने की कगार पर है, बल्कि आम लोगों की रिहाइश बढ़ने की वजह से इनका क्षेत्र भी सिकुड़ रहा है.