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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की संलिप्तता वाले रिश्वत मामले में एक कथित बिचौलिए को हिरासत में लेकर सीबीआई ने पहली गिरफ्तारी की है. सीबीआई ने संतोष जगताप को रविवार सुबह ठाणे से गिरफ्तार किया. सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि वह पिछले महीने गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद जांच से बच रहा था. सीबीआई ने अगस्त में कथित बिचौलिए जगताप के ठिकानों पर छापा भी मारा था और 9 लाख रुपये बरामद किए थे.
बता दें, सीबीआई ने भ्रष्टाचार और अपने आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर इस साल 21 अप्रैल को एनसीपी नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ जांच शुरू की और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद FIR दर्ज की थी. इस FIR के आधार पर ही ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की.
बता दें, मनी लॉन्ड्रिंग कस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और NCP के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी कर रखा है. देशमुख जांच में शामिल होने के लिए ईडी के नोटिस का कोई जवाब नहीं दे रहे थे, न ही अपने बयान दर्ज करा रहे थे इसके बाद ED ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट देशमुख को ईडी या सीबीआई द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से किसी भी तरह की अंतरिम सुरक्षा देने से साफ इनकार कर चुका है.
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पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुंबई हाई कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग केस और भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ जारी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन को खारिज करने का अनुरोध करने वाली याचिका भी खारिज हो चुकी है. शुक्रवार को अदालत ने कहा था कि देशमुख यह साबित करने में असफल रहे हैं कि एजेंसी उनके खिलाफ दुर्भावना से कार्रवाई कर रही है.
(इनपुट: भाषा)
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