IAS Awanish Sharan Motivational Post: डॉक्टरों और फ्रंट लाइन वर्कर्स की मेहनत से हम कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) का डट कर मुकाबला कर पाए हैं. ऐसे माहौल में अगर कोई हौसला बढ़ाने वाली खबर आती है तो वो लोगों के मन में बैठा डर भगाने के साथ जमकर वायरल भी होती है.
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नई दिल्ली: दुनिया में खौफ और दहशत का पर्याय बन चुके कोरोना वायरस (Coronavirus) ने मानवता को बड़ी चोट पहुंचाई है. कोविड-19 की बीमारी ने कुछ परिवारों को पूरी तरह खत्म कर दिया तो करोड़ों लोगों को कभी न भूल पाने वाला दर्द दिया है. महामारी की आगे इंसानों की बेबसी तो देखिए लोग परिजनों की सेवा तो दूर उन्हें छू तक नहीं पा रहे हैं. डॉक्टर, नर्स, एंबुलेंस स्टाफ, सफाई कर्मी और पुलिस समेत सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स की दिन-रात मेहनत से हम कोरोना का डट कर मुकाबला कर पाए हैं. ऐसे माहौल में कहीं से भी कोई हौसला बढ़ाने वाली खबर आती है तो वो लोगों के मन में बैठा डर भगाने के साथ जमकर वायरल भी होती है. इस बीच कुछ बच्चों ने अपनी मां के नाम जो पाती लिखी उसे जिसने भी पढ़ा और देखा वो भावुक हो गया.
ये पाती छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी अवनीश कुमार शरण (Avnish Kumar Sharan) ने अपने ट्विटर एकाउंट से साझा की है. जो एक बार फिर याद दिलाती है कि दुनिया उम्मीद पर ही टिकी है. इसी उम्मीद की एक किरण बनी ये चिट्ठी सोशल मीडिया पर घूम रही है. संकट की घड़ी मे अपनों से दूर रह रहे लोगों को ये खूबसूरत चिट्ठी दिलासा दे रही है, ये चिट्ठी हौसला दे रही है कि घबराओ मत, भले ही हम सामने न हों लेकिन आपके आस पास ही हैं.
सबसे ख़ूबसूरत चिट्ठी. pic.twitter.com/tgePX8gyj6
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) May 21, 2021
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द शब्दों की इस पाती में बच्चों का अपनी बीमार मां के लिए प्यार दिख रहा है. एक छोटी से पंक्ति में बच्चों की उनके मां के लिए चिंता दिखी तो इसी के जरिए बच्चों ने मां को भरोसा दिलाया है कि वो नीचे हीं हैं, उसके बिलकुल पास. बच्चों ने मां को सेहत का अपडेट भी दिया है कि उसकी तबियत में सुधार है. बच्चों ने ये भी लिखा है कि हम आपको ले जाएंगे आपको परेशान नहीं होना है. लोगों का कहना है कि मुनमुन, बुलबुल, गुड़िया और विकास नाम के बच्चों ने अपनी मां का हौसला बढ़ाने के लिए जो किया यकीन मानिए उसने संजीवनी बूटी जैसा चमत्कार ही किया होगा.
मूल रूप से यह किसे लिखी गई, किसने लिखी, इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है. लेकिन स्पष्ट है कि ये किसी कोरोना पीड़ित महिला के बच्चों ने कोविड वार्ड के नीचे से लिखी होगी. आज के मुश्किल वक्त में जहां कोरोना से हुई बेतहाशा मौतें सिर्फ एक आंकड़ा बन कर लोगों का अवसाद बढ़ा रही है वहीं ऐसी खबरें करोड़ों लोगों का मन भी मजबूत करती है.
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