9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास करीब 300 चीनी सैनिक आ गए थे, जिनका भारतीय सेना ने डटकर समाना किया और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान हुई झड़प में दोनों तरफ के कुछ जवान घायल हुए हैं.
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अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने आवाज बुलंद कर दी है. सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई इस झड़प पर संसद में चर्चा की मांग की है. कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी अपनी छवि को बेहतर बनाने के चक्कर में देश को खतरे में डाल रहे हैं. कांग्रेस ने कहा कि झड़प के इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. सरकार को इस मुद्दे पर देश को भरोसे में लेने की जरूरत है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, 'फिर हमारे सैनिकों को चीनी सैनिकों ने उकसाया है. हमारे जवानों उनका डटकर सामना किया, इसमें कुछ सैनिक घायल भी हुए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हम एक हैं और इस पर राजनीति नहीं करेंगे. लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की आक्रमकता को लेकर ईमानदारी दिखाना चाहिए.'
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
खड़गे ने कहा कि हम अपने सैनिकों की वीरता और बलिदान के कर्जदार हैं, लेकिन सरकार को इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कर भारत के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए. वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ट्वीट कर लिखा, 'भारतीय सेना की वीरता पर हमें गर्व है. बॉडर पर चीन जो हरकतें कर रहा है वो किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है.'
उन्होंने आगे लिखा कि हम दो साल से केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन केंद्र की सरकार को सिर्फ अपनी छवि की पड़ी है. वो छवि बचाने के चक्कर में इस मुद्दे को दबाने की कोशिश कर रही है. यही कारण है कि चीन बार बार दुस्साहस कर रहा है. बीजेपी की सरकार देश को खतरे में डाल रही है.
ओवैसी ने पूछा- झड़प पर सरकार ने क्यों नहीं दी जानकारी?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया. कांग्रेस के अलावा ओवैसी ने भी इस मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही और बताया कि वो 13 दिसंबर को इस मुद्दे पर संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे.
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार के कमजोर लीडरशिप के कारण चीन बार बार ऐसी हरकत कर रहा है. उन्होंने कहा, अरुणाचल से आने वाली खबरें परेशान करती हैं. अगर सीमा पर झड़प हुई तो सरकार ने देश को क्यों नहीं बताया. संसद के सत्र के दौरान भी सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी.
बता दें कि 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास करीब 300 चीनी सैनिक आ गए थे, जिनका भारतीय सेना ने डटकर समाना किया और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान हुई झड़प में दोनों तरफ के कुछ जवान घायल हुए हैं. चीन को इसमें भारी नुकसान पहुंचा है.
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