Shri Ramcharitmanas: 'समाज में नफरत फैलाने का ग्रंथ है रामचरितमानस, वंचितों को आगे बढ़ने से रोकता है', बिहार के शिक्षा मंत्री के बिगड़े बोल
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Shri Ramcharitmanas: 'समाज में नफरत फैलाने का ग्रंथ है रामचरितमानस, वंचितों को आगे बढ़ने से रोकता है', बिहार के शिक्षा मंत्री के बिगड़े बोल

Bihar Education Minister on Ramcharitmanas: राष्ट्रीय जनता दल कोटे से बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने श्रीरामचरितमानस पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाने वाला और वंचितों को आगे बढ़ने से रोकने वाला ग्रंथ है. 

Shri Ramcharitmanas: 'समाज में नफरत फैलाने का ग्रंथ है रामचरितमानस, वंचितों को आगे बढ़ने से रोकता है', बिहार के शिक्षा मंत्री के बिगड़े बोल

Bihar Education Minister Professor Chandrashekhar on Ramcharitmanas: बिहार के शिक्षामंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Professor Chandrashekhar) ने पटना में श्रीरामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित बयान दिया. शिक्षा मंत्री ने बुधवार को पटना में बयान देते हुए श्रीरामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया. उन्होंने कहा कि एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरित्र मानस और तीसरे युग में गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट नफरत फैलाने वाले ग्रन्थ रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि रामचरित्र मानस में वह अंश लिखा है, जिसमें कहा गया है कि नीच जाति के लोगों को शिक्षा पाने का अधिकार नही है और ये शिक्षा पाकर जहरीला हो जाते हैं. जैसे सांप को दूध पिलाने पर वह और जहरीला हो जाता है.

'समाज को बांटने वाला ग्रंथ है रामचरितमानस'

नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया. प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि  रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह समाज में पिछड़ों, महिलाओं और दलितों को शिक्षा हासिल करने से रोकता है. यह उन्हें बराबरी का हक देने से रोकता है. RJD कोटे से बिहार में नीतीश कुमार की गठबंधन सरकार में शिक्षा मंत्री बने चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस से पहले मनुस्मृति ने भी सामज में ऐसा ही नफरत का बीज बोया था. उसमें समाज के एक बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं, जिसके बाद उसका विरोध कर प्रतियों को जलाया गया. 

'श्रीरामचरितमानस ने समाज में फैलाई नफरत'

चंद्रशेखर (Professor Chandrashekhar) ने दावा किया कि बाबा साहब अंबेडकर भी मनुस्मृति के खिलाफ थे. वे इसमें कथित तौर पर वंचितों और दलितों का हक छीनने की बात से नाराज थे. इसलिए उन्होंने भी जला डालने की बात का समर्थन किया था. बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा कि मनुस्मृति के बाद रामचरितमानस (Ramcharitmanas) ने नफरत के इस दौर को आगे बढ़ाया. तीसरे युग में आरएसएस नेता गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स ने लोगों को बांटने का काम किया. उनकी विचारधारा आज भी समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही है. चंद्रशेखर ने कहा कि नफरत की इस विचारधारा से देश महान नहीं बनेगा. यह महान तभी बनेगा, जब देश में मोहब्बत फैलेगी और लोग एक दूसरे की इज्जत करेंगे. 

कुमार विश्वास ने साधा शिक्षा मंत्री पर निशाना

बिहार के शिक्षा मंत्री के इस विवादित बयान पर कवि कुमार विश्वास ने निशाना साधा है. कुमार विश्वास ने ट्वीट करके कहा, 'आदरणीय नीतीश कुमार जी, भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री जी को शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है. आपका मेरे मन में अतीव आदर है. इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं. इन्हें 'अपने अपने राम' सत्र में भेजें. ताकि इनका मनस्ताप शांत हो.'

लोगों ने विवादित बयान पर जताई नाराजगी

कुमार विश्वास के अलावा तमाम लोग बिहार के शिक्षा मंत्री (Professor Chandrashekhar) के विवादित बयान का विरोध कर रहे हैं. ट्विटर पर एक यूजर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को टैग करके लिखा, 'श्रीरामचरितमानस (Ramcharitmanas) भगवान श्रीराम-माता जानकी गाथा है. यह नफरत की नहीं बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत की गाथा कहती है. करोड़ों हिंदुओं की श्रद्धा के केंद्र श्रीरामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं है.' 

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