Coronavirus in Gangajal: क्या गंगाजल में मिल रहा कोरोना वायरस? सामने आई ये बात
Advertisement
trendingNow1983538

Coronavirus in Gangajal: क्या गंगाजल में मिल रहा कोरोना वायरस? सामने आई ये बात

गंगा नदी (Ganga) में अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर के बीच कई जगह मृतकों के शव तैरते देखे गए थे. उस वक्त गंगाजल में कोरोना वायरस का संक्रमण होने की आशंका जताई गई थी. अब इस सवाल का जवाब सामने आ गया है. 

गंगा में नौका विहार करते लोग (साभार Pxfuel)

पटना: देश में अप्रैल-मई में जब कोरोना वायरस (Coronavirus) पीक पर था. उस दौरान गंगा नदी (Ganga) में कई जगह मृतकों के शव तैरते देखे गए थे. उस वक्त आशंका जताई गई थी कि इन शवों की वजह से कोरोना वायरस गंगाजल (Gangajal) में घुल गया है. हालांकि अब इस सवाल का जवाब सामने आ गया है. 

  1. 'इन विभागों ने की गंगाजल पर स्टडी'
  2. 'लखनऊ भेजे गए जांच के नमूने'
  3. 'गंगाजल में कोरोना पर आई ये रिपोर्ट'

'इन विभागों ने की गंगाजल पर स्टडी'

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक CPCB, बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड CPB, भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान ने कोरोना के मामले सामने आने के बाद गंगाजल की शुद्धता को लेकर स्टडी की थी. इस स्टडी की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक गंगाजल (Gangajal) में कोरोना वायरस के होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. 

'लखनऊ भेजे गए जांच के नमूने'

केंद्र सरकार के पैनल ने बक्सर, पटना, भोजपुर और सारण में गंगाजल (Gangajal) के नमूने लिए. इसके बाद नमूनों को जांच के लिए CSIR-IIT लखनऊ में भेजा गया. इन नमूनों की आरटी-पीसीआर जांच भी की गई. इसके साथ ही गंगा नदी की दूसरी जैविक विशेषताओं की जांच भी की गई है. 

'गंगाजल में कोरोना पर आई ये रिपोर्ट'

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक घोष ने कहा कि जांच में पाया गया कि गंगाजल (Gangajal) में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण नहीं हुआ था. हालांकि मानव निर्मित कारणों की वजह से पानी में कुछ दूसरी अशुद्धियां मिलीं. उन्होंने कहा कि अगर लोग मुंह और नाक में पानी नहीं लेते हैं, तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. गंगाजल पहले की तरह बिल्कुल सेफ और उपयोग करने योग्य है. 

ये भी पढ़ें- अजीबोगरीब पुलिस स्टेशन! शिकायतकर्ता को माथे पर 'तिलक', रिटर्न गिफ्ट में 'गंगाजल' की बोतल, जानें वजह

'शवों का अंतिम संस्कार करवाए सरकार'

वहीं इस संबंध में पटना यूनिवर्सिटी में जूलॉजी डिपार्टमेंट के हेड अरबिंद कुमार ने कहा कि गंगा नदी (Ganga) के कुछ किनारों पर थोड़ी मात्रा में प्रदूषण हो सकता है. इसकी वजह ये है कि वहां पर पर कोरोना (Coronavirus) मृतकों के शवों को बिना अंतिम संस्कार किए रेत में दबाकर छोड़ दिया गया था. अगर इन शवों का क्रियाक्रम हो जाए तो इस खतरे को भी हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है. 

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news