दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के दो कर्मियों ने शुक्रवार सुबह ग्रेटर कैलाश- एक में तीन लोगों की जान बचा ली. परिवार के तीनों सदस्य आग से बचने के लिए मकान के पिछले हिस्से में फंसे हुए थे.
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के दो कर्मियों ने शुक्रवार सुबह ग्रेटर कैलाश- एक में आग (Fire) में फंसे तीन लोगों की जान बचा ली. तीन मंजिला इमारत में लगी आग के दौरान एक परिवार के तीन सदस्य जान बचाने के लिए ग्रिल में फंसे हुए थे. तभी पुलिसकर्मी उन तक पहुंचे.
ग्रेटर कैलाश (Greater Kailash) पुलिस थाने के प्रभारी रितेश शर्मा ने कहा कि आरडब्ल्यूए के एक अधिकारी ने कॉल कर बिल्डिंग में आग (Fire) लगने की सूचना दी. रितेश शर्मा ने कहा, 'कॉल आने के बाद मैं घटनास्थल पर अन्य कर्मियों के साथ तत्काल पहुंचा. सुबह की गश्त पर निकले कर्मी भी वहां पहुंचे. हमने देखा कि दूसरी मंजिल पर आग लगी है.'
उन्होंने कहा, 'हमने जांच की तो पता चला कि इमारत की निचली मंजिल पर कोई नहीं है. दूसरी मंजिल पर केवल एक केयरटेकर था. वह समय रहते घर से बाहर निकल गया था. हमें बताया गया कि इमारत की पिछले हिस्से में कुछ लोग फंसे हैं और मदद के लिए चिल्ला रहे हैं.' इसके बाद पुलिसकर्मी पीछे गए और तीसरी मंजिल पर तीन लोगों को देखा.
रितेश शर्मा ने कहा, 'हमने पहले उनसे कहा कि वह बालकनी के उस हिस्से की उल्टी दिशा में चले जाएं, जहां से धुआं आ रहा था. हर मंजिल पर ग्रिल लगी थी. पहली बड़ी बाधा थी, इमारत के पास खड़ा बिजली का खंबा. खंबे और इमारत के बीच केवल दो फुट का फासला था और कर्मी उसी से चढ़ कर ऊपर गए.'
एसएचओ ने कहा कि हेड कांस्टेबल मुन्नी लाल और कांस्टेबल संदीप इमारत की तीसरी मंजिल पर चढ़ गए. उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर मौजूद अन्य कर्मियों ने भी मदद करनी चाही लेकिन मैंने उन्हें रोक दिया. दरअसल ऐसा करने से उनके वजन से ग्रिल गिर सकती थी. लाल और संदीप ने ग्रिल को तोड़ने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए. उन्होंने नट बोल्ट खोलने चाहे लेकिन वह वेल्ड किए हुए थे. दोनों पुलिसकर्मी तीसरी मंजिल पर लगभग 15 से 20 मिनट तक ग्रिल से लटके रहे और परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाते रहे. बाद में जब दमकल की गाड़ियों ने आग (Fire) बुझा दी तब जाकर परिवार को सदस्यों को बचाकर इमारत की सीढ़ियों से नीचे लाया गया.
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पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर (Atul Thakur) ने कहा कि अमित सुधाकर (56), उनकी पत्नी शालिनी (48) और मां सुधा (87) तीसरी मंजिल की बालकनी में फंसी हुए थे. वह बालकनी लोहे की एंगल से बंद थी. आग इमारत की दूसरी मंजिल से शुरू हुई और तीसरी मंजिल पर पहुंच गई. इस घटना में तीनों लोगों को बचा लिया गया.
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