बिल्डिंग सोलराइजेशन (building solarisation) के तहत, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 150 सरकारी स्कूलों की छत (rooftop) पर 21 मेगा वाट (MW) से अधिक के सोलर प्लांट को लगवाए हैं. स्कूलों की रूफटॉप पर लगने से हर साल बिजली बेचने से 8.5 करोड़ रुपए की कमाई के अलावा इलेक्ट्रिसिटी बिलों में भी करीब 8.8 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है.
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नई दिल्लीः दिल्ली के सरकारी स्कूल (Delhi Government Schools) इन दिनों एक स्कीम के तहत पर्याप्त इनकम कमाने पर पूरी तरह से नजर गढ़ाए हुए हैं. सूत्रों से जानकारी मिली है कि राजधानी के सभी सरकारी स्कूलों का बिजली का बिल इस बार काफी कम आया है. अब वे सोलर प्लांट (Solar Plant) के जरिए इलेक्ट्रिसिटी की काफी बचत करने के साथ कमाई भी कर रहे हैं.
150 स्कूलों में लगे सोलर प्लांट
मालूम हो कि केंद्र की स्कीम बिल्डिंग सोलराइजेशन (Building Solarisation) के तहत दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 150 सरकारी स्कूलों की छत पर 21 मेगा वाट से अधिक के सोलर प्लांट लगवाए हैं. स्कूलों की रूफटॉप पर लगने से हर साल बिजली बेचने से 8.5 करोड़ रुपये की कमाई के अलावा इलेक्ट्रिसिटी बिलों में भी करीब 8.8 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है.
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रेस्को मॉडल पर बेस्ड हैं सोलर प्लांट
भवनों की छत के सोलर प्लांट को 'रेस्को' (Resco) मॉडल के तहत इंस्टॉल किया जा रहा है. इस मॉडल से सोलर प्रोजेक्ट को स्वयं की पूंजी का उपयोग करके डेवलपर्स द्वारा संचालित किया जाता है, ताकि स्कूलों से वित्तपोषण का बोझ दूर हो सके. इस मॉडल से बिना किसी खर्च के लोगों को बिजली तो मिलती ही है साथ ही पर्याप्त कमाई भी होती है. स्कूलों के रूफटॉप प्लांटों द्वारा उत्पन्न की जाने वाली बिजली की हर यूनिट के लिए डेवलपर्स को 3.13 रुपये मिलेंगे. यह बिजली दर स्कूलों द्वारा बिजली वितरण कंपनियों (Discoms) को दिए जाने वाले शुल्क से 65% कम है. डिस्कॉम स्कूलों की रूफटॉप पर लगे सोलर प्लांट से 5.65 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की खरीद करेगी.
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दिल्ली की इन जगहों पर लगे हैं सोलर प्लांट
आज के दौर में अब दुनिया भर में सौर ऊर्जा को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है. दिल्ली के स्कूल भी केंद्र की इस योजना का लाभ उठाने के साथ-साथ हरित ऊर्जा (green energy) पैदा करने और अपने फाइनेंस में भी सुधार कर रहे हैं. जानकारी के लिए बता दें कि रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के एक किलोवाट को लगभग 10 वर्ग मीटर शेडो फ्री सरफेस एरिया यानी छाया मुक्त सतह क्षेत्र की जरूरत होती है. दिल्ली के विनोद नगर (195 kW), रोहिणी (170 kW), रोउज एवेन्यू (150 kW), ईस्ट विनोद नगर (146 kW) और राजोकरी (127 kW) में सबसे बड़े रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं.
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किसान भी कर सकते हैं सोलर प्लांट से आमदनी
बता दें कि इस बारे में पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा था कि किसान भी अपने खेत में थोड़ी ऊंचाई पर सोलर पॉवर पैनल लगवा कर कंपनी से किराया हासिल कर सकते हैं. इसके साथ ही उनकी खेती भी चलती रहेगी और आमदनी भी होगी. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में चार साल पहले तक करीब 7 किलोवाट सोलर एनर्जी पैदा की जा रही थी. जो अब बढ़कर 177 मेगावाट हो गई है.