जयपुर हाउस ने अपने पूरे जीवनकाल में लगभग एक हजार कलाकृतियों का प्रदर्शन किया है, लोकिन अब पूरे जयपुर हाउस के अंदरूनी हिस्सों में हुए कार्य को देखा जाना बाकी है
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नई दिल्ली: दिल्ली में किसी जमाने में जयपुर के महाराजा का निवास स्थल रहा और अब वर्तमान में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) के घर के नाम से चर्चित शानदार जयपुर हाउस ने एक साल तक चले नवीनीकरण के बाद अपने पूर्व गौरव को बहाल कर लिया है.
इसे जल्द ही एक बौद्ध और गांधीवादी कलाकार उपेंद्र महारथी की भव्य पूर्वव्यापी प्रदर्शनी के साथ जनता के लिए खोला जा सकता है.
जयपुर हाउस ने अपने पूरे जीवनकाल में लगभग एक हजार कलाकृतियों का प्रदर्शन किया है, लोकिन अब पूरे जयपुर हाउस के अंदरूनी हिस्सों में हुए कार्य को देखा जाना बाकी है, नया कार्य व्यापक रूप से फैला हुआ है और विविध कला रूपों, जैसे वास्तुकला, कपड़ा, पेंटिंग, शिल्प, बांस, मूर्तिकला, मिट्टी के बरतन को प्रदर्शित करता है.
एनजीएमए के महानिदेशक और मूर्तिकार अद्वैत गडनायक ने यहां आईएएनएस से कहा, "अधिकांश कार्यों को महारथी की बेटी महाश्वेता द्वारा नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट को दान किया गया है."
उन्होंने कहा कि अन्य कलाकृतियां उपेंद्र महारथी शिल्प अनुष्ठान संस्थान, पटना संग्रहालय और गैलरी के अपने आरक्षित संग्रह से आई हैं.
हाल ही में बहाल हुए जयपुर हाउस के गलियारों और हॉल में प्रवेश करते ही गडनायक और उनकी टीम द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में अद्वितीय कुर्सियों का एक सेट देखा जा सकता है, जिसे महारथी ने बौद्ध मठों के लिए डिजाइन किया था.
प्रदर्शनी को अब उद्घाटन का इंतजार हैऔर एनजीएमए के अनुसार संभवत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्धाटन किया जा सकता है.
(इनपुट आईएएनएस)