सबसे उम्रदराज वोटर ने कहा- मैं केजरीवाल को नहीं जानता, मेरा वोट उसे, जिसने काम किया
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सबसे उम्रदराज वोटर ने कहा- मैं केजरीवाल को नहीं जानता, मेरा वोट उसे, जिसने काम किया

उम्रदराज शख्स ने बताया कि 'मैं उनको वोट दूंगा जिन्होंने हमारे लिए काम किया.’’ बचन सिंह को ‘आम आदमी पार्टी’ और अरविंद केजरीवाल के दिल्ली का मुख्यमंत्री होने की कोई जानकारी नहीं है. 

दिल्ली के तिलक नगर के सबसे उम्रदराज 111 वर्षीय मतदाता बचन सिंह.(फोटो- ANI)

नई दिल्ली: दिल्ली के तिलक नगर के सबसे उम्रदराज 111 वर्षीय मतदाता बचन सिंह के परिवार के एक सदस्य ने उनके बारे में कहा कि उनके लिए उम्र मात्र एक संख्या है और उन्होंने बड़े उत्साह के साथ अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. बचन सिंह और 110 वर्षीय राम प्यारी शंखवार राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को लोकसभा चुनावों में अपना वोट डालने वाले क्रमश: सबसे उम्रदराज पुरूष और महिला हैं. हालांकि इस बार बचन सिंह और शंखवार के लिए एक सुखद अनुभव रहा क्योंकि मतदानकर्मी इन दोनों मतदाताओं को एक कार से मतदान केन्द्र ले गये और मतदान डालने के बाद वापस घर भी छोड़ गये.

ये दोनों मतदाता आजादी के बाद भारत के पहले आम चुनावों के बाद से मतदान कर रहे हैं. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय के इस व्यवहार से अभिभूत उन्होंने दावा किया कि उनके लिए यह एक ‘‘वीआईपी अनुभव’’ था. बचन सिंह 2015 के विधानसभा चुनाव तक साइकिल से मतदान करने आते थे लेकिन इस बार चुनाव अधिकारियों के साथ कार में मतदान केन्द्र पहुंचे, जहां तमाम मीडियाकर्मियों की निगाहें उन पर थीं.

मतदान केन्द्र पहुंचने के बाद उन्हें व्हीलचेयर पर अंदर ले जाया गया. बचन सिंह को तीन महीने पहले लकवा मार गया था . वह अब पहली की तरह बात नहीं कर सकते लेकिन आज भी उन्हें अपने मत की महत्ता का पता है. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उनको वोट दूंगा जिन्होंने हमारे लिए काम किया . ’’ बचन सिंह को ‘आम आदमी पार्टी’ और अरविंद केजरीवाल के दिल्ली का मुख्यमंत्री होने की कोई जानकारी नहीं है. 

उनके छोटे बेटे जसबीर सिंह (63) ने कहा, ‘‘उन्हें यह भी नहीं पता कि आम आदमी पार्टी जैसी कोई पार्टी है भी. उनके लिए चुनाव बस भाजपा और कांग्रेस के बीच का मुकाबला है.’’ जसबीर ने दावा किया कि उनके पिता ने 1951 के बाद से हर चुनाव में मतदान किया है. पिछले एक दशक से उम्र संबंधित बीमारियों से ग्रस्त शंखवार ने कोंडली में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

उनके पुत्र रामधनी ने कहा कि उनकी मां अभिभूत थीं क्योंकि उन्हें एक ऐसी कार से मतदान केंद्र ले जाया गया जिस पर भारत सरकार का चिह्न लगा था और उनके साथ दिल्ली पुलिस का एक कांस्टेबल था. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मेरे साथ एक वीआईपी की तरह व्यवहार किया.’’ उनके पुत्र ने कहा, ‘‘चार दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट और एसडीएम मेरी मां को मतदान करने के लिए आमंत्रित करने के वास्ते हमारे घर आये थे.

उन्होंने उन्हें गुलदस्ता और शॉल देकर सम्मानित किया था.’’ आदर्श नगर निवासी तिलक राज (106) को भी एक संदेश मिला था और सुबह उन्हें ले जाने के लिए मतदानकर्मी की तरफ से एक कॉल आयी थी. राज के पोते दीपक कुकरेजा ने कहा, ‘‘लेकिन हमने उन्हें बताया कि हमें वाहन नहीं चाहिए. हम अपने आप चले गए और बूथ पर उन्हें एक गुलदस्ता भेंट किया गया.’’

केवल पार्क निवासी 107 वर्षीय गंगा देवी को घर से वाहन के जरिये मतदान केंद्र ले जाया गया. दिल्ली के सीईओ कार्यालय द्वारा साझा किये गये आंकड़े के अनुसार कुल 96 लोग सौ वर्ष या उससे अधिक उम्र के थे जो यहां लोकसभा चुनाव में मतदान करने के पात्र थे. इनमें 42 पुरूष और 54 महिलाएं शामिल हैं.

दिल्ली के सीईओ रणबीर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि इन 96 उम्रदराज लोगों में से 47 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और उन्हें मतदान अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया. उन्होंने बताया कि मतदाताओं को घर से लाने और उन्हें वापस वहीं छोड़ने के लिए कुल 450 कारों का इस्तेमाल किया गया.

इन उम्रदराज लोगों के अलावा कई वरिष्ठ नागरिक, 80 से अधिक उम्र के’ गर्मी और वृद्धावस्था की बीमारियों का सामना करते हुए मत डालने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचे. आदर्श मतदान केंद्र पर मतदाताओं के लिए उपलब्ध एक सोफे पर बैठे मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आर एन कपूर ने कहा कि अपना वोट डालने में उन्हें कोई समय नहीं लगा.एक पूर्व सरकारी कर्मचारी 92 वर्षीय एच एस भाटिया कालकाजी एक्सटेंशन पर बने एक मतदान केंद्र में किये गये प्रबंधों से संतुष्ट नजर आये. हालांकि उन्होंने मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को लेकर नाखुशी जाहिर की. 

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