ताहिर हुसैन पर आईपीसी की धारा 302 यानि हत्या और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
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नई दिल्ली: उत्तर पूर्व दिल्ली में हिंसा फैलाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. खबर है कि दिल्ली पुलिस के दयालपुर थाने में ताहिर हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. ताहिर हुसैन पर आईपीसी की धारा 302 यानि हत्या और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
क्या लिखा है एफआईआर में
अंकित के पिता रविन्द्र कुमार ने FIR में लिखवाया की वो अपने परिवार के साथ खजूरी खास इलाके में रहते हैं. 'मेरे परिवार में मेरी पत्नी और मेरे दो लड़के रहते हैं..जिनमे बड़े का नाम अंकुर और छोटे का नाम अंकित है. अंकित भी दफ्तर में सरकारी काम करता है. भजनपुरा से करावल नगर जाने वाली मेंन रोड पर चांद बाग पुलिया पर CAA के विरोध व समर्थन में कई दिनों से हिंसक विरोध प्रदर्शन चल रहा था. जिसमे दोनों तरह के लोगो में आपस में पथराव आगजनी और हथियार से फायरिंग भी हुई मौजूदा निगम पार्षद ताहिर हुसैन का ऑफिस भी चांद बाग पुलिया के पास है.
इसने अपने दफ्तर में गुंडों को इकट्ठा करके रखा था जो दफ्तर के ऊपर से फायरिंग पेट्रोल बम फेंके और पथराव किया. जिससे तनाव और आम जनता में भय का माहौल पैदा हुआ....
..... 25 फरवरी को मेरा बेटा अंकित अपने दफ़्तर से शाम 5 बजे घर आकर, घर का सामान लेने बाहर गया था.. जब वो काफी देर तक नहीं लौटा तो हमने उसकी आसपास तलाश की, फिर हम खजुरी खास थाने दयालपुर थाने औऱ आसपास के अस्पतालों में तलाश करने गए पर कुछ पता नही चला..पूरी रात इंतजार करने के बाद हमने 26 तारीख को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई फिर मुझे आसपास के लड़कों से पता चला की मेरा लड़का पास के रहने वाले कालू और एक अन्य लड़के के साथ गया था, जब मैंने कालू के बारे में पूछताछ की तो भीड़ में से पता चला की चांद बाग पुलिया की मस्जिद से किसी लड़के को मारकर किसी लड़के को चांद बाग नाले में फेका गया है....
......फिर हमने दयालपुर थाने को इसकी जानकारी दी..फिर पुलिस ने गोताखोरों की मदद से नाले में तलाशी कराई तो अंकित की लॉश सिर्फ अंडरवियर में बरामद हुई.. जिसके चेहरे छाती पीठ कमर पर तेज धार दार हथियार से मारी गई चोट के निशान थे, उसकी पहचाना छुपाने के लिए उसके चेहरे को जलाया गया था, मुझे पूरा यकीन है की ताहिर हुसैन और उसके दफ्तर में मौजूद लोगों ने मेरे बेटे की ह्त्या की है औऱ शव को मस्जिद से नाले में फेंका है..इन पर कानूनी कार्यवाही की जाए.'
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इससे पहले ताहिर हुसैन ने हमारे संवाददाता राजू राज ने खास बातचीत की. इस दौरान हिंसा से जुड़े सवालों पर ताहिर हुसैन ने कहा, 'जिस दिन की आप बात कर रहे हैं मैं वहां माजूद नहीं था. मैंने उस दिन लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी. मैं 24 फरवरी को घर पर नहीं था. पुलिस को जांच में सहयोग करूंगा. मैं दंगाइयों को नहीं पहचानता हूं. वो जगह फैक्ट्री है उसके पीछे की तरफ मैं रहता हूं. यह टू साइड ओपन का प्लॉट है.'
ताहिर हुसैन ने कहा, '24 फरवरी को मैंने पुलिस को कई फोन किए लेकिन वो फोन कनेक्ट नहीं हुआ फिर 2.55 पर मैंने दोबारा फोन किया उसकी बातचीत मैं आपको सुना सकता हूं. 4.30 बजे मैंने संजय सिंह को फोन किया और मदद मांगी. 24 तारीख को शाम 7.30 बजे मुझे पुलिस ने बताया की आप बाहर आ सकते हैं. जो वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है वो वीडियो 25 तारीख का है. उस दिन मैं घर पर ही नहीं था.'
पुलिस को कई बार किया फोन
ताहिर का कहना है कि पुलिस को उसने फ़ोन किया था (आलोक कुमार जॉइंट सीपी) और पूर्व डीसीपी अजित सिंगला को 24 फरवरी को फोन किया था. उन्होंने बताया कि 24 की रात 11 बजे पुलिस द्वारा घर की तलाशी ली गई थी. तब वो घर खाली कर दिया था और घर पुलिस के कब्जे में था.
मैं नहीं जानता कौन थे दंगाई
ताहिर का कहना है, 'जो दंगाई 25 फरवरी को मेरे घर में घुस गए थे वो कौन है मैं नहीं जानता. मैं 24 फरवरी रात को घर से निकल गया था. अगले दिन (25 फरवरी) सुबह नहाने के लिए घर गया था लेकिन लोग गाली गलौज करने लगे. इसलिए वहां से आ गया.'
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पत्थर और पेट्रोल बम के बारे में नहीं है जानकारी
ताहिर ने अपने घर से पत्थर और पेट्रोल बम मिलने पर कहा, ' मुझे नहीं पता ये कहां से आए. मेरे खिलाफ साज़िश की गई है. मैं पुलिस की जांच सहयोग करने को तैयार हूं. हर जांच के लिए तैयार हूं.'
अंकित शर्मा के परिवार के आरोपों पर भी बोले
ताहिर हुसैन ने आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा के परिवार द्वारा उनके ऊपर लगाए गए आरोपों पर कहा, 'अंकित के परिवार के प्रति संवेदना है. काफी दुख है. दंगाई उसके घर का गेट तोड़ कर घुस गए. 24 तारीख को मैं खुद भाग रहा था.'