दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार, EPCA ने अधिकारियों को आड़े हाथ लिया
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दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार, EPCA ने अधिकारियों को आड़े हाथ लिया

ईपीसीए ने यातायात जाम और कूड़ा जलाने संबंधी गतिविधियों के कारण होने वाले प्रदूषण को लेकर प्राधिकारियों को आड़े हाथ लिया.

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को हवा की गति बढ़ने के चलते मामूली सुधार हुआ लेकिन यह 'बहुत खराब श्रेणी' में बनी रही. वहीं ईपीसीए ने यातायात जाम और कूड़ा जलाने संबंधी गतिविधियों के कारण होने वाले प्रदूषण को लेकर प्राधिकारियों को आड़े हाथ लिया.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े के अनुसार, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शहर में 386 रहा जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी है. सीपीसीबी ने कहा कि दिल्ली में 11 क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ जबकि 25 में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ जबकि फरीदाबाद, गुड़़गांव और नोएडा में ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई.

सीपीसीबी ने बताया कि दिल्ली में हवा में पीएम 2.5 का समग्र स्तर 237 जबकि पीएम 10 का स्तर 370 दर्ज किया गया. 100 से 200 एक्यूआई ‘मध्यम’ श्रेणी, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बहुत खराब’ जबकि 401 से 500 ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. सराय रोहिल्ला, आनंद विहार, जखीरा नजफगढ़ रोड, सोन पार्क, आजादपुर मंडी के विभिन्न सड़क मार्गों की पहचान की गई जहां अत्यधिक यातायात के कारण प्रदूषण में बढ़ोतरी है.

ईपीसीए के प्रमुख भूरे लाल ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, डीएसआईडीसी, नगर निकायों, पुलिस एवं दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में पुलिस से ट्रैफिक को सख्ती से नियमित करने के साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि यातायात सुचारू रहे . लाल को अधिकारियों ने बताया कि सराय रोहिल्ला में फुट ओवर ब्रिज न होने की वजह से ट्रैफिक ज्यादा होता है. 

लाल ने कहा, 'अवैध अतिक्रमण दिल्ली की मुश्किलें और बढ़ा देता है. यातायात को सुचारू रखने के लिए गार्ड तैनात किए जाने जरूरी हैं.' साथ ही उन्होंने पुलिस को आदेश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि यातायात नियमों का सख्ती से पालन हो, खासकर मुंडका के सोन पार्क में, जहां यातायात के किसी भी नियम का पालन नहीं होता.

लाल ने बवाना, मुंडका और नरेला में कूड़ा जलाए जाने पर भी चिंता जाहिर की जिससे हवा की गुणवत्ता और खराब हो रही है. प्रतिदिन जमा हो रहे कचरे की स्थिति पर नजर नहीं रखने के लिए उन्होंने दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईडीसी) लिमिटेड को आड़े हाथ लिया. साथ ही उन्होंने नांगलोई में नियमित रूप से कूड़ा नहीं उठवाने को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को भी फटकारा.

दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले तीन हफ्तों से ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ की श्रेणी में झूल रही है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में और बुधवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में थी. बुधवार से वायुगुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी, शुक्रवार को इसमें मामूली सुधार हुआ और यह बहुत खराब श्रेणी में आ गई.

दिल्ली में वायु गुणवत्ता 31 घंटे से अधिक समय तक 'गंभीर'  रहने के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर शुक्रवार रात 11 बजे से 24 घंटे की रोक लगा दी.

ईपीसीए प्रमुख भूरे लाल ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में इस अवधि के दौरान (आवश्यक सामग्री को छोड़कर) राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश रोकने का निर्देश दिया. लाल ने कहा, 'पूर्वी और पश्चिमी एक्सप्रेसवे खुलने से इसे लागू करने में आसानी होगी क्योंकि उनका गंतव्य दिल्ली नहीं हैं, उनके पास अब सुविधाजनक विकल्प होगा.' लाल ने लोगों से आग्रह किया कि वे निजी वाहनों का न्यूनतम प्रयोग करें और लंबे समय तक बाहर रहने से परहेज करें.

यह निर्देश केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नीत कार्यबल की सिफारिशों के बाद आये. केंद्र संचालित सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग (सफर) ने कहा कि सुबह से समग्र वायु गुणवत्ता सुधरकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई. ऐसा हवा की गति बढ़कर 4.1 किलोमीटर प्रतिघंटा होने के चलते हुआ है, हालांकि अन्य सभी मौसमी कारकों के ‘प्रतिकूल’ हैं. इसमें घना कोहरा शामिल है.

सफर ने कहा, 'इसमें आज रात तक और सुधार होने उम्मीद है. उसके बाद इसमें धीमे सुधार जारी रहेगा लेकिन यह अगले तीन दिन तक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रहेगा. तेज सुधार पर्याप्त वर्षा होने पर ही होने की उम्मीद है जिसकी संभावना कम है.'  

(इनपुट - भाषा)

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