उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि जब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का साइन किया हुआ पत्र मुझे नहीं मिलता, तब तक मैं नहीं मानूंगा कि उन्होंने मुझे पार्टी से निकाल दिया है.
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नई दिल्ली/चंडीगढ़ : इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में मतभेद गहराता जा रहा है. पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला द्वारा अपने दो पोतों को ‘अनुशासनहीनता’ का दोषी पाते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किए जाने के बाद हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला शनिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने अपने चाचा और हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला का नाम लिए बिना उन पर जमकर जुबानी हमले किए. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि जब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का साइन किया हुआ पत्र मुझे नहीं मिलता, तब तक मैं नहीं मानूंगा कि उन्होंने मुझे पार्टी से निकाल दिया है.
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दुष्यंत चौटाला द्वारा कही गई प्रमुख बातें...
-हमें मीडिया के जरिये पता चला कि मुझे और दिग्विजय को पार्टी से निकाल दिया गया है.
-कुछ जयचंद ऐसे हैं जो लगातार हमारे खिलाफ साजिश रच रहे हैं.
-निरंतर यह प्रयास किया जा रहा था कि हमें संगठन के कार्यों से दूर रखा जाए.
-युवा चौपाल और चुनरी चौपाल को भी कहा जाता है कि यह पार्टी की गतिविधि नहीं है.
-जहां हम सभाएं किया करते थे उन्हें कहा जाता था कि यह पार्टी की एक्टिविटी नहीं है.
-हमने पार्टी से आग्रह किया था कि अजय चौटाला आने वाले हैं और उनसे चर्चा करनी है और हमें 48 घंटे पहले हमें पार्टी से निकाल दिया गया.
-हैरानी इस बात पर होती है जिनकी तीन-चार पीढि़यां इनेलो से जुड़ी हैं उन्हें आज मंचों से कांग्रेसी और ट्रेड वर्कर बताया जाता है.
-पार्टी किसी एक व्यक्ति की नहीं है.
-मुझे लगता है कि हमें पार्टी से सस्पेंड किए जाने या बर्खास्त किए जाने का कोई भी आदेश ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से नहीं लिया गया, क्योंकि किसी भी पत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष के दस्तख्त नहीं हैं.
-17 तारीख को जींद की धरती पर होने वाली बैठक में अहम निर्णय लिए जाएंगे.
-आज एक चीज समय ने सिखाई कि वक्त का रुख बदलना आता है, कांटों पर भी चलना आता है, अभिमन्यु समझकर लोगों ने रच दिया चक्रव्यूह, हमें मिलकर चक्रव्यूह तोड़ना भी आता है.
-जब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का साइन किया हुआ पत्र मुझे नहीं मिलता, तब तक मैं नहीं मानूंगा कि उन्होंने मुझे पार्टी से निकाल दिया है.