IAS एसोसिएशन का AAP सरकार पर पलटवार, कहा- दिल्ली में हालात सामान्य नहीं
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IAS एसोसिएशन का AAP सरकार पर पलटवार, कहा- दिल्ली में हालात सामान्य नहीं

IAS एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने जानबूझ कर राजनीति में घसीटा जा रहा है, जबकि सभी अधिकारी अपना काम नियमित रूप से कर रहे हैं.

IAS एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने के दिल्ली सरकार के आरोपों को आधारहीन बताया है

नई दिल्ली : दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार और आईएएस अधिकारियों के बीच चल रहा मतभेद अब खुलकर सामने आने लगा है. दिल्ली सरकार आईएएस अधिकारियों पर हड़ताल पर जाने का आरोप लगाते हुए पिछले 6 दिनों से एलजी हाउस में अनशन पर है. वहीं अधिकारियों ने सरकार के इन आरोपों को निराधार बताया है. आईएएस एसोसिएशन ने कहा कि कोई भी अधिकारी हड़ताल पर नहीं है. अधिकारियों का कहना है कि उन पर निजी हमले हो रहे हैं और दिल्ली में हालात सामान्य नहीं हैं.

पिछले सोमवार से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री गोपाल राय और सत्येंद्र जैन एलजी हाउस में अनशन पर बैठे हुए हैं. सरकार की मांग है कि दिल्ली के अधिकारी पिछले 4 महीनों से हड़ताल पर हैं, जिससे राज्य में विकास के सभी कार्य ठप पड़े हुए हैं. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजेल से लेकर गृहमंत्री और प्रधानमंत्री तक से अपील की है कि वे अधिकारियों की हड़ताल समाप्त करवाएं.

दिल्ली सरकार के आरोपों के खिलाफ रविवार को आईएएस एसोसिएशन भी विरोध में खड़ी हो गई है. एसोसिएशन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार के आरोपों को निराधार बताया है. एसोसिएशन की सदस्य मनीष सक्सेना ने मीडिया से कहा कि दिल्ली में कोई भी अधिकारी हड़ताल पर नहीं है. आईएएस अधिकारियों की हड़ताल की जो बात सरकार द्वारा कही जा रही है, वह एकदम झूठी और आधारहीन है. उन्होंने कहा कि अधिकारी दिल्ली सरकार की सभी बैठकों में शामिल हो रहे हैं और अपना काम पूरी जिम्मेदारी से कर रहे हैं. मनीषा सक्सेना ने कहा कि कुछ अधिकारी तो छुट्टी के दिन भी काम कर रहे हैं.   

एसोसिएशन की एक अन्य अधिकारी वर्षा जोशी ने कहा, 'हमें अपना काम करने दिया जाए. हम डरे हुए हैं और खुद को पीड़ित महसूस कर रहे हैं. हमारा राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल हो रहा है.'

आईएएस एसोसिएशन ने कहा कि उनका किसी भी पार्टी से कोई संबंध नहीं है, सभी अधिकारी निष्पक्ष होकर अपना काम कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों पर निजी हमले हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली का हालात सामान्य नहीं है. उन्होंने अधिकारियों को राजनीति में ना घसीटने की अपील की.

क्या है विवाद
बात दें कि 19 फरवरी की रात मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को बुलाया गया था. यह बैठक रात करीब 11 बजे मुख्य सचिव के साथ आम आदमी पार्टी के दो विधायकों ने हाथापाई की. इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौके पर मौजूद थे. बताया गया था कि विज्ञापन पर फंड खर्च करने को लेकर मुख्य सचिव और वहां मौजूद नेताओं में विवाद हो गया.

केजरीवाल द्वारा एक विज्ञापन को लेकर फंड खर्च करने की बात पर मुख्य सचिव राजी नहीं थे, जिसे लेकर मीटिंग में बहस शुरू हो गई. ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान और एक अन्य विधायक ने बदसलूकी करते हुए मुख्य सचिव के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी. अपने साथ हुई इस हाथापाई के बाद मुख्य सचिव सीएम आवास से वापस लौट आए. इस घटना के बाद दिल्ली के आईएएस अधिकारी हड़ताल पर चले गए. कुछ दिन बाद अधिकारी हड़ताल से लौट आए. तभी से सरकार और ब्यूरोक्रेट्स में विवाद चल रहा है.

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