किसी व्यक्ति के जांच से भागने पर ही किया जाए लुक आउट सर्कुलर का इस्तेमाल: दिल्ली हाई कोर्ट
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किसी व्यक्ति के जांच से भागने पर ही किया जाए लुक आउट सर्कुलर का इस्तेमाल: दिल्ली हाई कोर्ट

उच्च न्यायालय ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के एक पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) को ब्रिटेन लौटने की इजाजत देते हुए यह व्यवस्था दी.

 (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) का इस्तेमाल तभी किया जाना चाहिए जब कोई व्यक्ति जांच से भाग रहा हो, क्योंकि यह यात्रा से रोके गए नागरिक के मौलिक अधिकारों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.

उच्च न्यायालय ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के एक पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) को ब्रिटेन लौटने की इजाजत देते हुए यह व्यवस्था दी. किंगफिशर एयरलाइंस के खिलाफ एक मामला सहित सीबीआई की ओर से दर्ज किए गए दो मामलों के सिलसिले में पीएनबी के पूर्व सीएमडी को एक साल से ज्यादा समय तक ब्रिटेन जाने से रोक कर रखा गया था.

न्यायालय ने कहा,‘एलओसी बहुत आवश्यक स्थिति में ही इस्तेमाल करने के लिए है, जिसमें किसी व्यक्ति को जांच की प्रक्रिया से भागते पाया गया हो. जांच एजेंसी को एलओसी का इस्तेमाल करते वक्त हर पहलू से विचार करना चाहिए, क्योंकि इसका इस्तेमाल करने पर यात्रा से रोके गए नागरिक के मौलिक अधिकार गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं.’

अदालत ने अब ब्रिटेन में रहने वाले पीएनबी के पूर्व सीएमडी और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर के सी चक्रवर्ती को अपने परिवार के पास लौटने की इजाजत दे दी. हालांकि, अदालत ने उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के यहां एक करोड़ रुपए की सावधि जमा (एफडी) की रसीद जमा करने और अपने प्रस्थान के पांच हफ्ते के भीतर लौट आने का हलफनामा देने को कहा. उन्हें एक व्यक्ति का मुचलका बॉंड भी देना होगा.

अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर चक्रवर्ती उपरोक्त शर्तें पूरी कर देते हैं तो आव्रजन अधिकारी पांच हफ्ते के लिए उनके विदेश जाने में कोई बाधा पैदा नहीं करेंगे.

अदालत के आदेश के मद्देनजर चक्रवर्ती ने एलओसी को चुनौती देने वाली अपनी याचिका की सुनवाई पर जोर नहीं देने का फैसला किया.

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