सूत्रों ने बताया कि दोनों विधायकों को सात दिन का वक्त दिया गया है जो “दिल्ली विधानसभा सचिवालय के नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त है.”
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नई दिल्ली: दलबदल के आरोपों का सामना कर रहे आम आदमी पार्टी (आप) के बागी विधायकों- देवेंद्र सहरावत और अनिल बाजपेयी ने दिल्ली विधानसभा के सचिव के समक्ष अपनी लिखित दलीलें सोमवार को प्रस्तुत की और इस मुद्दे पर अध्यक्ष के समक्ष व्यक्तिगत सुनवाई को आगे टालने का अनुरोध किया. इस मामले में सुनवाई मंगलवार को होनी है. इन दोनों को आप विधायक एवं पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज की याचिका पर नोटिस जारी किया गया था. भारद्वाज ने दोनों पर लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल होने का आरोप लगाया था.
अपने जवाब में सहरावत और बाजपेयी ने कहा कि भारद्वाज की याचिका के साथ संलग्न समाचार-पत्र की कतरनें “अपठनीय” हैं और मांग की कि उन्हें टाइप की हुई एवं अनूदित प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं ताकि वे दलबदल के आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करा सकें. बाजपेयी ने दिल्ली विधानसभा के सचिव को सौंपी अपनी लिखित दलील में कहा, “मैं आपसे 25 जून की सुनवाई को टालने और याचिका एवं संलग्न दस्तावेजों की टाइप की हुई एवं अनूदित प्रतियां मुहैया कराए जाने की तारीख से छह हफ्ते का समय देने का अनुरोध करता हूं.”
बिजवासन विधानसभा क्षेत्र के विधायक सहरावत ने भी यही कारण बताते हुए भाजपा में शामिल होने के आरोप पर जवाब देने के लिए चार हफ्ते का वक्त मांगा है. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि दोनों विधायकों को सात दिन का वक्त दिया गया है जो “दिल्ली विधानसभा सचिवालय के नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त है.” उन्होंने कहा, “इस मुद्दे पर कल सुनवाई होनी है. अध्यक्ष नियमों के अनुरूप काम करेंगे.” सहरावत और बाजपेयी केंद्रीय मंत्री विजय गोयल समेत भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मई में पार्टी में शामिल हुए थे. हालांकि, दोनों इस बात पर कायम हैं कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता के लिए आवेदन नहीं किया था.