दिल्ली: आंतरिक समिति कर रही उज्बेक महिला के कथित यौन उत्पीड़न की जांच
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दिल्ली: आंतरिक समिति कर रही उज्बेक महिला के कथित यौन उत्पीड़न की जांच

सीमा शुल्क विभाग ने दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि कार्यस्थल में महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) कानून 2013 के प्रावधानों के तहत, इस मामले की जांच करने के लिए गठित समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है.

 समिति की अध्यक्षता एक वरिष्ठ महिला कर्मचारी कर रही हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: सीमा शुल्क विभाग की एक आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) दिल्ली हवाईअड्डे पर तैनात सीमाशुल्क विभाग के दो अधिकारियों द्वारा एक उजबेक महिला का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किए जाने की जांच कर रही है.

सीमा शुल्क विभाग ने दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि कार्यस्थल में महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) कानून 2013 के प्रावधानों के तहत, इस मामले की जांच करने के लिए गठित समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है.

उन्होंने बताया कि समिति सीमा शुल्क विभाग के दो अधीक्षकों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करेगी और अपने निष्कर्ष देगी. दस से अधिक सरकारी कर्मचारियों वाले सरकारी संस्थान में ऐसी समिति का गठन अनिवार्य है.

समिति की अध्यक्षता एक वरिष्ठ महिला कर्मचारी कर रही हैं. उजबेक महिला के यौन उत्पीड़न की यह कथित घटना पिछले माह हुई. एक व्हिसलब्लोअर ने हवाई अड्डे पर वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की जिसके बाद यह मामला प्रकाश में आया. अफसरों ने मामले की छानबीन शुरू की है.

अपने एक रिश्तेदार के इलाज के सिलसिले में उजबेक महिला भारत आई थी. अधिकारियों ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि तीन मई को एक आरोपी अधिकारी ने ताशकंद से आई उज्बेक महिला को रोका और तस्करी के अंदेशे के मद्देनजर उसके सामान की जांच की गई.

उन्होंने बताया कि इसके बाद, अधिकारी महिला को ऐसे कमरे में ले गया जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं थे और वहां बिना महिला अधिकारी के उसके साथ आधा घंटा रहा. अधिकारियों ने बताया कि आरोप है कि करीब 50 साल के अधिकारी ने महिला का यौन उत्पीड़न किया. यह महिला दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अपनी बहन के बच्चे का इलाज कराने के लिए आई थी.

उन्होंने बताया कि महिला ने सीमा शुल्क विभाग को शिकायत की थी लेकिन आरोपी अधिकारी ने उसे तस्करी के झूठे मामले में फंसाने तथा जान से मारने की कथित रूप से धमकी दी. बताया जाता है कि इसके बाद उसने शिकायत वापस ले ली.

अधीक्षक के खिलाफ आरोपों की जांच के दौरान इसी स्तर के अन्य अधिकारी की भूमिका का भी पता चला. इसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया. (इनपुट: भाषा)

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