Delhi News: SC का समर्थन, SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण; 10 सितंबर को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह
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Delhi News: SC का समर्थन, SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण; 10 सितंबर को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह

Delhi News: सुप्रीम कोर्ट के SC/ST आरक्षण वर्गीकरण के फैसले का समर्थन करते हुए वाल्मीकि समाज और वंचित जातियां 10 सितंबर को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करेंगी. उन्होंने इस आंदोलन में सभी वंचित समुदायों को शामिल होने की अपील की.

Delhi News: SC का समर्थन, SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण; 10 सितंबर को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह

Delhi News: एससी एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के समर्थन में अति वंचित वाल्मीकि समाज एवं वंचित जातियां 10 सितंबर को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह अभियान चलाएंगी और सामाजिक न्याय का विरोध करने वालों का बहिष्कार करेगी, जिसको लेकर वाल्मीकि समाज ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी और कहा कि हम पूरे देश के वाल्मीकि समाज एवं वंचित जातियों से अनुरोध करते हैं कि 10 सितंबर को जंतर-मंतर सत्याग्रह में पहुंचे और इसे सफल बनाएं.

सरिता विहार में लोगों ने किया जमावड़ा
इसी को लेकर सरिता विहार क्षेत्र के आली गांव में वाल्मीकि समाज व वंचित जातियों ने एससी एसटी आरक्षण में वर्गीकरण लागू करने की बात कही. सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर लागू करने की बात कही है. इसके समर्थन में वाल्मीकि समाज व वंचित जातियां देश के प्रधानमंत्री से गुहार लगा रही हैं. इसे जल्द से जल्द पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए. इस दौरान वाल्मीकि समाज के उपाध्यक्ष नवीन वैद्य ने कहा कि आज हमारे लिए सत्याग्रह करना मजबूरी बन गई है. क्योंकि एससी एसटी आरक्षण के वर्गीकरण को लेकर जो फैसला माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, उसके पक्ष में हम सत्याग्रह करने जा रहे हैं. क्योंकि कुछ लोग नहीं चाहते कि समाज व दबे कुचले लोगों का भला हो. इसलिए हम अपने पूरे समाज के साथ जंतर-मंतर पर उन लोगों के खिलाफ सत्याग्रह करने जा रहे हैं जो सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर आपत्ति जता रहे हैं.

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लंबी लड़ाई के बाद मिला है अधिकार
इस मौके पर अशोक अज्ञानी ने कहा कि एक लंबी लड़ाई के बाद हमें यह अधिकार मिला है. आरक्षण में वर्गीकरण की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि बहुत सी जातियां ऐसी हैं जो हाशिए पर हैं और उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिला है, जो आगे बढ़ गए हैं, वही इस आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. इसलिए हम इस आरक्षण में वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का समर्थन करते हैं और उन माननीय न्यायाधीशों का धन्यवाद करते हैं. जिन्होंने यह ऐतिहासिक आदेश दिया है. आदेश के समर्थन में हम 10 सितंबर को जंतर-मंतर पर एकत्रित होंगे और काली पट्टी बांधकर इस आदेश का विरोध करने वालों का विरोध करेंगे और सरकार से अपील करेंगे कि जल्द से जल्द आरक्षण में वर्गीकरण लागू किया जाए.

SC/ST में वर्गीकरण
1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति यानी एससी और एसटी के आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि सरकार इन दोनों समुदायों के आरक्षण के अंदर अलग-अलग वर्गीकरण कर सकती है. कोर्ट ने कहा कि राज्यों के पास इन श्रेणियों की वंचित जातियों के उत्थान के लिए एससी और एसटी को उप-वर्गीकृत करने का अधिकार है. फैसला सुनाते हुए जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि राज्यों को एससी और एसटी वर्ग में क्रीमी लेयर की पहचान करनी चाहिए और उन्हें आरक्षण के दायरे से बाहर करना चाहिए. वहीं, मामले की सुनवाई कर रही बेंच के दूसरे जज जस्टिस विक्रम नाथ ने भी इस फैसले का समर्थन किया और कहा कि जिस तरह ओबीसी वर्ग में क्रीमी लेयर का सिद्धांत लागू होता है, उसी तरह एससी/एसटी वर्ग में भी लागू होना चाहिए. हालांकि, एक जज ने इसका विरोध किया. बता दें कि सात जजों की बेंच में से 6 जजों ने आरक्षण में उप-वर्गीकरण के पक्ष में फैसला सुनाया था.

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