Old Rajinder Nagar Update: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र हादसे के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार कहे जा रहे एसयूवी ड्राइवर की पत्नी ने सिस्टम पर सवाल उठाए हैं. महिला ने कहा कि उनके पति ने कोई नियम नहीं तोड़ा, उन्हें जबरन विलेन बनाया जा रहा है.
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Old Rajendra Nagar Case Update: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में पानी भरने से यूपीएससी की तैयारी कर रहे 3 स्टूडेंट्स की मौत के मामले में पुलिस अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. अरेस्ट होने वालों में वह एसयूवी मालिक अनुज कथूरिया भी शामिल है, जिसके गाड़ी गुजारने से कथित रूप से लहर उठी और कोचिंग सेंटर का गेट टूट गया. जिसके बाद सड़क पर भरा 3 मिनट के अंदर 11 फुट गहरे बेसमेंट में भरता चला गया. इस मामले में अब एसयूवी चालक की पत्नी सीमा कथूरिया सामने आई हैं. सीमा ने इस मामले में सिस्टम की नाकामी को जिम्मेदार ठहराते हुए अपने पति को निर्दोष बताया है.
'मेरे पति को विलेन बनाया जा रहा'
सीमा ने कहा, 'यह एक दर्दनाक हादसा था, जिसमें 3 निर्दोष लोगों की जान चली गई. यह पूरी तरह सिस्टम की नाकामी है. मेरे पति को इस मामले में जबरदस्ती खलनायक बनाया जा रहा है. उन्होंने कोई रैश ड्राइविंग नहीं की थी. इस बात का सबूत वायरल हो रहा वीडियो है, जिसमें वे आराम से गाड़ी निकालते हुए दिख रहे हैं. मेरे पति बहुत धीमी गति से पानी में से गाड़ी निकालकर ले जा रहे थे.'
सीमा कथूरिया ने आगे कहा, 'मेरे पति केवल सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. प्रशासन को इस बात की तहकीकात करनी चाहिए कि चूक कहां हुई. वह कोचिंग इंस्टिट्यूट मालिक उस जगह लाइब्रेरी क्यों चला रहा था, जहां पर केवल स्टोर रूम बनाने की प्रमीशन दी गई थी. जब सड़क पर 2- 2 फुट पानी भर गया था तो पुलिस ने बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक रोका क्यों नहीं था.'
'अब तक सात लोगों की अरेस्टिंग'
वहीं दिल्ली पुलिस में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के DCP हर्ष वर्धन ने अब तक हुई कार्रवाई की डिटेल बताते हुए कहा, हमने केस दर्ज कर 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में कोचिंग इंस्टिट्यूट के कॉर्डिनेटर, मालिक और कार चाल गिरफ़्तार हैं. हमने MCD को नोटिस कर ड्रेन की सफाई के जिम्मेदारों के बारे में पूछा है. इस मामले में नगर निगम की ओर से 1 AE सस्पेंड और 1 JE को टर्मिनेट किया जा चुका है. रूम रेंट के सवाल पर DCP ने बताया कि आज LG की मीटिंग में डिस्कस हुआ है और इस बारे में पॉलिसी बनेगी.
उधर इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ और सड़क का जल स्तर एक ही था, जिससे वहां फंसे छात्र को पानी से निकालने में समस्या आई. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की एक अन्य रिपोर्ट में पाया गया कि बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण वहां लगा बायोमेट्रिक द्वार काम नहीं कर रहा था जिसके कारण अभ्यर्थियों की मौत हुई और उन्हें निकालने में देरी हुई.
'नौकरशाही मामले में ढिलाई बरत रही'
अंतरिम मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट और एमसीडी के करोल बाग जोन के अधीक्षक अभियंता की रिपोर्ट राजस्व मंत्री आतिशी को सौंपी गई. आतिशी ने आरोप लगाया कि नौकरशाही यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत की घटना की जांच में ढिलाई बरत रही है. मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर कहा कि 27 जुलाई को रात 11 बजकर 20 मिनट पर उन्होंने मुख्य सचिव नरेश कुमार को राजेंद्र नगर में हुई दुखद घटना की मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा, ‘सोमवार यानी 29 जुलाई 2024 शाम सात बजकर 40 मिनट पर मुझे केवल मंडल आयुक्त से घटना की रिपोर्ट प्राप्त हुई और बताया गया कि जांच में 7 दिन और लगेंगे.’ राजस्व मंत्री ने कहा, ‘यह बेहद दुखद घटना है, लेकिन नौकरशाही मामले की जांच में इतनी ढिलाई बरत रही है. इससे सवाल उठता है कि क्या दोषियों को संरक्षण दिया जा रहा है.’
जिलाधिकारी (मध्य) की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना की सूचना 27 जुलाई को शाम सात बजकर 20 मिनट पर राव आईएएस’ के प्रतिनिधि मंगल ने टेलीफोन पर दी थी कि ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी भर गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि फोन करने वाले ने बताया कि कुछ छात्र ‘बेसमेंट’ में फंसे हुए हैं और वह उन्हें उनकी संख्या की स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन अनुमान जताया कि उनकी संख्या पांच के आसपास हो सकती है.
अग्निशमन कर्मियों ने बेसमेंट ने शव बाहर निकाले
सूचना मिलने पर करोल बाग तहसीलदार और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों सहित राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. इसमें कहा गया कि बेसमेंट की गहराई करीब 15 फीट है और इसका क्षेत्रफल करीब 500 वर्ग गज है. लोगों की सुरक्षा के लिए बिल्डिंग और आस-पास के इलाकों की बिजली काट दी गई है. मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में कहा गया कि अंत में बेसमेंट से तीन-चार फुट पानी बाहर निकालने के बाद दिल्ली अग्निशमन सेवा के कर्मचारियों ने ‘बेसमेंट’ में प्रवेश किया और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की मदद से इमारत के ‘बेसमेंट’ से तीन शवों को बाहर निकाला गया.
नगर निगम की रिपोर्ट में कहा गया कि शंकर रोड से पुसा रोड तक करीब 200 फीट लंबा रास्ता तश्तरीनुमा है, जिसका सबसे निचला हिस्सा ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल’ के सामने है और तेज बारिश के दौरान यहां पानी जमा हो जाता है. जिस इमारत में कोचिंग सेंटर संचालित किया जा रहा था कि उसकी नींव का स्तर भी आसपास की इमारत की तुलना में कम था.
'सेंटर प्रबंधन ने नाले को अवरुद्ध कर दिया'
रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस कोचिंग संस्थान ने नाले को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया और इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय भी नहीं किए हैं. इसकी पार्किंग का रास्ता सीधे सड़क के सामने है और भारी बारिश की स्थिति में पानी नाले में जाने के बजाय सीधे इस पार्किंग क्षेत्र में घुस जाता है.’ रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कोचिंग सेंटर की इमारत के सुरक्षा कर्मचारियों ने कोई सतर्कता नहीं बरती, जिसके चलते पानी बिना रुके पार्किंग क्षेत्र को पार कर ‘बेसमेंट’ में घुस गया.