Delhi News: नौकरी का ऑफर छोड़ UPSC की तैयारी में जुटी थी श्रेया, दिल्ली के दरकते सिस्टम ने ले ली जान
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Delhi News: नौकरी का ऑफर छोड़ UPSC की तैयारी में जुटी थी श्रेया, दिल्ली के दरकते सिस्टम ने ले ली जान

Delhi Old Rajendra Nagar News: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र इलाके के राव आईएएस कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले 3 अभ्यर्थियों की शनिवार शाम को बेसमेंट में पानी भरने से मौत हो गई. मरने वाले अभ्यर्थियों में यूपी की श्रेया भी शामिल थी.

Delhi News: नौकरी का ऑफर छोड़ UPSC की तैयारी में जुटी थी श्रेया, दिल्ली के दरकते सिस्टम ने ले ली जान

Delhi Old Rajendra Nagar Incident Update: दिल्ली में शनिवार देर शाम भारी बारिश के बाद बेसमेंट में पानी भरने से एक आईएएस कोचिंग सेंटर के 3 अभ्यर्थियों की मौत हो गई. जिन तीन लोगों की मौत हुई, उनकी पहचान तेलंगाना की तानिया (25), यूपी की श्रेया (25) और केरल के नवीन डेल्विन (28) के रूप में हुई है. इस घटना के बाद से दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों में रोष है और वे सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 

तीन भाई- बहनों में सबसे बड़ी संतान

घटना में जान गंवाने वाली यूपी के अंबेडकरनगर जिले के बरसावां हाशिमपुर गांव की श्रेया यादव तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी. वह सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए बड़े अरमानों के साथ इसी साल अप्रैल में दिल्ली आई थीं. श्रेया के पिता यूपी में एक डेयरी चलाते हैं. वहीं उनके दो छोटे भाई स्कूल में पढ़ते हैं. 

श्रेया यादव के चाचा धर्मेंद्र यादव गाजियाबाद में रहते हैं. सबसे पहले उन्हें ही ओल्ड राजेंद्र नगर के राव आईएएस स्टडी सर्कल में हुई घटना का पता चला था. इसके बाद उन्होंने परिवार के दूसरे लोगों को इस बारे में बताया. हालांकि तब तक उन्हें श्रेया की मौत की जानकारी नहीं थी.

मैनेजमेंट ने नहीं दी कोई जानकारी- चाचा

धर्मेंद्र यादव कहते हैं, 'मैंने टीवी चलाया तो मुझे ओल्ड राजेंद्र नगर के आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने का पता चला. इसके बाद मुझे किसी अनहोनी का अहसास हुआ और मैंने श्रेया को फोन करने की कोशिश की लेकिन उससे बात नहीं हो सकी. मैंने कोचिंग सेंटर प्रबंधन से बात करने की कोशिश की लेकिन मुझे कोई जानकारी नहीं मिल सकी.'

अपनी भतीजी के देहांत से दुखी धर्मेंद्र यादव आगे बताते हैं, 'फिर मैंने टीवी पर 2 लड़कियों समेत 3 अभ्यर्थियों के डूबने की खबर देखी. इसके बाद मेरा दिल घबरा गया. श्रेया का फोन नंबर मिल नहीं रहा था और प्रशासन- प्रबंधन की ओर से भी कोई सूचना नहीं दी जा रही थी. इसके बाद मैं दिल्ली की मॉर्चुरी में गया और मारे लोगों का चेहरा दिखाने का आग्रह किया.'

'मॉर्चुरी वालों ने नहीं दिखाया चेहरा'

धर्मेंद्र बताते हैं, 'मॉर्चुरी के लोगों ने मुझे शवों का चेहरा दिखाने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि यह पुलिस केस है और ऊपर से परमीशन मिले बगैर वे शवों की शिनाख्त नहीं करवा सकते. हालांकि उस कर्मचारी ने मुझे एक कागज दिखाया, जिस पर एक डेड बॉडी का नाम श्रेया यादव लिखा था.'

वे कहते हैं, 'यह खबर हम सबके लिए झकझोरने वाली है. हमने अपनी बेटी को दिल्ली में अफसर बनने का सपना पूरा करने के लिए भेजा था. लेकिन सिस्टम की नाकामी ने हमारी बेटी को हमसे छीन लिया. यह दुख बहुत बड़ा है. इसको किसी से साझा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में जांच करवाकर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.'

मदर डेयरी से मिला था जॉब का ऑफर

श्रेया के भाई अभिषेक यादव बताते हैं कि उन्हें इस घटना की जानकारी शनिवार रात करीब 12 बजे दी गई. अभिषेक को बताया गया कि पीड़ित छात्रों को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रखा गया है और बाद में पता चला कि श्रेया की मौत हो चुकी है. अभिषेक ने कहा कि श्रेया की मौत की खबर सुनकर वो स्तब्ध रह गए.

उन्होंने बताया कि श्रेया ने बीएससी एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया था. ग्रेजुएशन कम्पलीट करने के बाद उसे मदर डेयरी कंपनी से नौकरी का ऑफर भी आया था. लेकिन हमने उसे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया और यूपीएससी की तैयारी करने की सलाह दी. इसके बाद श्रेया को यूपीएससी की तैयारी के लिए मार्च में दिल्ली भेज दिया गया था. उसने अप्रैल में कोचिंग में दाखिला कराया था.

अभिषेक ने छात्रों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन और कोचिंग संस्थान पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी घटना आगे भी होती रही तो कैसे काम चलेगा ? कोई अपने बच्चे को बाहर पढ़ने के लिए क्यों भेजेगा?

अवैध लाइब्रेरी की हुई थी शिकायत

आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में जलभराव के कारण 3 छात्रों की मौत के बाद अब इस मामले में नए खुलासे भी हो रहे हैं. पता चला है कि बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी को लेकर एक महीने पहले ही शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र किशोर ने आईएएनएस से बात करते हुए चौंकाने वाला खुलासा किया है. 

उन्होंने बताया, इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में अवैध रूप से लाइब्रेरी चल रही थी. छात्रों की जिंदगी से कोई खिलवाड़ न हो, इसको लेकर एक महीने पहले 26 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी. लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. अगर पहले ही कोई ठोस कदम उठाया गया होता तो आज तीन छात्रों की मौत नहीं होती.'

'नगर निगम के अधिकारी लेते हैं घूस'

किशोर ने बताया कि उन्होंने लोक शिकायत निदेशक के माध्यम से इंस्टीट्यूट को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. राजेंद्र नगर में अधिकतर इंस्टीट्यूट में अवैध लाइब्रेरी चल रही है. इन लाइब्रेरी में सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम नहीं किए गए हैं. प्रशासन की लापरवाही के कारण ही शनिवार को यहां दुर्घटना हुई है. प्रशासन को पहले ही एक्शन ले लेना चाहिए था. छात्र ने कहा, "इस मामले में सबसे अधिक लापरवाही दिल्ली नगर निगम की है, क्योंकि उसके अधिकारी यहां लोगों से घूस लेते हैं.

गुस्साए अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन

इस घटना से गुस्साए ओल्ड राजेंद्र इलाके के सैकड़ों लोग और सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी राव आईएएस स्टडी सर्कल के बाहर इकट्ठा हुए. उन्होंने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कोचिंग सेंटर प्रबंधन और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसने तीन छात्रों की जान ले ली.

बताते चलें कि शनिवार शाम करीब 7 बजे दिल्ली में हुई भारी बारिश की वजह से ओल्ड राजेंद्र नगर समेत कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया था. इसके बाद यह पानी राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में घुस गया. बेसमेंट में कोचिंग सेंटर प्रबंधन में लाइब्रेरी बना रखी है, जिसमें घटना के समय करीब 35 अभ्यर्थी पढ़ रहे थे.

कैसे हुई बेसमेंट में पानी भरने की घटना?

बेसमेंट में पानी भरते देख सभी स्टूडेंट्स जान बचाने के लिए जैसे- तैसे सीढ़ियों के जरिए बाहर की ओर भागे लेकिन तंग सीढ़ियों की वजह से कई अभ्यर्थी अंदर फंस गए. आलम ये था कि महज 3 मिनट के अंदर बेसमेंट में 12 फुट तक पानी भर चुका था. इसके बाद मैनेजमेंट ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को कॉल किया. रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने के कुछ घंटे बाद तानिया और श्रेया के शव बाहर निकाले गए. देर रात नवीन का शव बरामद कर लिया गया.

(एजेंसी आईएएनएस)

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