भगोड़ा मेहुल चोकसी भारत से लगभग 14 हज़ार किलोमीटर दूर कैरेबियन देश Dominica की जेल में बंद है. वह साढ़े 13 हज़ार करोड़ के पीएनबी बैंक घोटाले में आरोपी है.
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नई दिल्ली: भगोड़ा मेहुल चोकसी भारत से लगभग 14 हज़ार किलोमीटर दूर कैरेबियन देश Dominica की जेल में बंद है. वह साढ़े 13 हज़ार करोड़ के पीएनबी बैंक घोटाले में आरोपी है. मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के हाथ पर और उसकी बाईं आंख में चोट के निशान हैं.
वहीं Qatar Airways का एक प्राइवेट जेट Dominica के Douglas-Charles airport पर खड़ा है. इस प्राइवेट जेट ने मेहुल चोकसी से संबंधित दस्तावेजों के साथ 28 मई को दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी. तभी से ये Dominica में खड़ा हुआ है. महत्वपूर्ण बात ये है कि इस प्राइवेट जेट का एक घंटे का किराया 8 लाख 40 हज़ार रुपये है.
अब सवाल है कि क्या इस प्राइवेट जेट से मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) की घर वापसी होगी? मेहुल चोकसी इस समय कैरेबियन देश Dominica में है. वहां पर 2 जून को अदालत में इस मामले पर सुनवाई होगी कि मेहुल चोकसी को भारत को सौंपा जाए या उसे फिर Antigua और Barbuda के हवाले किया जाए? Antigua और Barbuda के प्रधानमंत्री Gaston Browne ने कहा है कि उन्होंने Dominica की सरकार से मेहुल चोकसी को भारत भेजने के लिए आग्रह किया है. लेकिन क्या ये मुमकिन है? ये बड़ा सवाल है.
मेहुल चोकसी Antigua और Barbuda का नागरिक है. इस देश की नागरिकता उसने वर्ष 2017 में हासिल की थी. वर्ष 2018 में जब भारत में साढ़े 13 हज़ार करोड़ रुपये का पीएनबी बैंक घोटाला सामने आया था. तब इस घोटाले का मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी जनवरी महीने के पहले हफ़्ते में भारत से भाग कर Antigua चला गया था. उसने पहले से ही इस देश की नागरिकता ले रखी थी. अब वो इस देश में भी नहीं है. यही वजह है कि भारतीय जांच एजेंसियों को उसके प्रत्यर्पण की उम्मीद है.
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अगर आप नक्शा देखें तो पाएंगे कि Antigua- Barbuda और Dominica दोनों कैरिबियन देश हैं. कैरिबियन क्षेत्र उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के बीच स्थित है. अब Antigua और Barbuda के प्रधानमंत्री का कहना है कि मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) कुछ दिन पहले उनके देश से अचानक लापता हो गया. ऐसी ख़बरें हैं कि वो अपनी एक महिला साथी के साथ एक Yacht से Antigua से Dominica में दाख़िल हुआ.
उसके पास पासपोर्ट नहीं था और वो गैर क़ानूनी तरीक़े से Dominica में घुसा था. इसलिए उसे गिरफ़्तार कर लिया गया. जब ये ख़बर Antigua को मिली तो वहां के प्रधानमंत्री ने Dominica से मेहुल चोकसी को भारत को सौंपने का आग्रह कर दिया. यही वजह है कि भारत से Qatar Airways का ये प्राइवेट जेट उससे संबंधित दस्तावेज लेकर Dominica पहुंचा.
ऐसी ख़बरें हैं कि मेहुल चोकसी जिस महिला के साथ था, वो उसकी Girlfriend है. और इस महिला को Dinner कराने के लिए Dominica लेकर गया था. क्योंकि ये दोनों देश ज़्यादा दूर नहीं हैं. लेकिन इस दौरान वो Dominica में CID द्वारा पकड़ गया.
सोचिए भारत में साढ़े 13 हज़ार करोड़ रुपये का घोटाला करके मेहुल चोकसी Dominica में अपनी Girlfriend को डिनर करा रहा था. अब समझने वाली बात ये है कि क्या Dominica मेहुल चोकसी को भारत को सौंपेगा? वहां के अख़बारों में ये ख़बरें हैं कि ऐसा हो सकता है. वह मेहुल चोकसी को भारत को सौंप सकता है. दरअसल मेहुल चोकसी Antigua से पहले भारत का नागरिक है. हालांकि Dominica के साथ भारत की कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है.
इस समय पूरी दुनिया में भारत की 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है. इसके अलावा 11 देशों के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्था है. Antigua और Barbuda के साथ भारत इसी व्यवस्था में बंधा है. हालांकि प्रत्यर्पण संधि और व्यवस्था में काफ़ी अंतर होता है. जिस देश के साथ प्रत्यर्पण संधि होती है- वो दूसरे देश को नागरिक के प्रत्यर्पण को लेकर प्रतिबद्ध होता है. जबकि प्रत्यर्पण व्यवस्था में - वो देश मदद कर सकता है लेकिन प्रत्यर्पण को सुनिश्चित नहीं करता.
इस मामले में Dominica के साथ भारत की न प्रत्यर्पण संधि है और न प्रत्यर्पण व्यवस्था है. फिर भी उम्मीद है कि भारतीय नागरिकता और मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले को देखते हुए Dominica की अदालत उसे भारतीय जांच एजेंसियों को सौंप देगी.
इस बात का आप इसी से अन्दाज़ा लगा सकते हैं कि Qatar Airways का ये प्राइवेट जेट वहां के एयरपोर्ट पर उसका इंतज़ार कर रहा है. वो भी तब जब इस जेट का एक घंटे का किराया 8 लाख 40 हज़ार रुपये है. मेहुल चोकसी मामले में Dominica कोर्ट की अगली सुनवाई 2 जून को होगी. ऐसे में अगर ये जेट वहां खड़ा रहा तो इसका किराया 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा होगा. फिर भी मेहुल चोकसी का इंतज़ार हो रहा है.
हालांकि यहां जो बात आपको समझनी है, वो ये कि ये छोटे देश वहां निवेश करने वाले लोगों को विशेष अधिकार और नागरिकता देते हैं. इन देशों की नागरिकता लेकर यहां रहना भी ज़रूरी नहीं होता. मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) ने भी ऐसा ही किया था. उसने Antigua और Barbuda में निवेश किया और इसी निवेश ने उसे इस देश की नागरिकता दिलाई. हालांकि नागरिकता मिलने के बाद भी वो भारत में रहता रहा.
जब उसे लगा कि वो भारत में बचेगा नहीं, तब उसने Antigua और Barbuda की टिकट कटा ली. कहने का मतलब ये है कि उसने योजनाबद्ध तरीक़े से सबकुछ किया. इन देशों में आज उसे बचाने के लिए भी कई ताक़ते लगी हुई हैं. आपको लगता होगा कि हमारे देश में ही इस तरह के गम्भीर विषयों पर राजनीति होती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इन छोटे देशों में राजनीति का स्तर और भी नीचे है.
इसे आप ऐसे समझिए कि मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर Antigua में ख़ूब राजनीति हो रही है. UPP यानी United Progressive Party, Antigua की बड़ी विपक्षी पार्टी है. इस पार्टी के एक बड़े नेता जमाले प्रिंगल ने कुछ दिन पहले मेहुल चोकसी के परिवार के साथ कथित तौर पर एक मुलाक़ात की थी. आरोप है कि इस मुलाक़ात में इस पार्टी ने मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के साथ राजनीतिक फंडिंग के लिए एक समझौता भी किया था. यही नहीं इस समझौते के बाद इस पार्टी ने मेहुल चोकसी के पक्ष में वहां की संसद में सरकार के खिलाफ विरोध भी जताया.
ऐसा भी कहा जाता है कि मेहुल चोकसी की एक बड़ी टीम Antigua और Dominica दोनों देशों में काम कर रही थी. इस टीम का काम था मेहुल चोकसी को प्रत्यर्पण से बचाने के लिए राजनीतिक समर्थन जुटाना. यानी इन देशों में बैठक कर मेहुल चोकसी को बचाने की तमाम कोशिशें हो रही हैं. आरोप लगते हैं कि उसकी वहां की सरकार में भी अच्छी पकड़ है और विपक्षी पार्टियों में भी उसका प्रभाव है. इसके अलावा उस पर राजनीतिक फंडिंग और इन देशों में भारी भरकम निवेश के भी दावे किए जाते हैं.
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यही नहीं मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) क्यूबा में भी अपनी सम्भावनाएं देख रहा है और वह वहां भागने की फिराक में भी था. एक लाइन में कहें तो इस बार मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की उम्मीदें तो हैं लेकिन ये उम्मीद ज़्यादा नहीं है. इसके बावजूद भारतीय जांच एजेंसियों कोशिश में जुटी हैं और मेहुल चोकसी हीरा कारोबारी से एक भगोड़ा बन कर इधर उधर भागा फिर रहा है.
हमारा मानना है कि वो कितना भाग ले लेकिन वो भारतीय क़ानून से भाग नहीं पाएगा. हमारे देश के क़ानून के हाथ बहुत लम्बे हैं. आज नहीं तो कल मेहुल चोकसी और नीरव मोदी को पकड़ में आ ही जाएंगे. जिन पर साढ़े 13 हज़ार करोड़ रुपये के पीएनबी बैंक घोटाले के आरोप हैं.
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